महाराजा सुहेलदेव की जयंती पर मोदी करेंगे परियोजनाओं का शिलान्यास : सुभासपा ने बताया ‘चुनावी स्टंट’
By भाषा | Updated: February 14, 2021 20:02 IST2021-02-14T20:02:07+5:302021-02-14T20:02:07+5:30

महाराजा सुहेलदेव की जयंती पर मोदी करेंगे परियोजनाओं का शिलान्यास : सुभासपा ने बताया ‘चुनावी स्टंट’
लखनऊ, 14 फरवरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगामी 16 फरवरी को महाराजा सुहेलदेव की जयंती पर बहराइच में विकास कार्यों का डिजिटल तरीके से शिलान्यास करेंगे।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने इसे 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ‘स्टंट’ करार देते हुए रविवार को कहा कि पंचायत चुनाव से पहले मतदाताओं को लुभाने के लिए भाजपा महाराजा सुहेलदेव का नाम भुनाने की कोशिश में है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये मंगलवार को बहराइच की चित्तौरा झील के विकास कार्यों का शिलान्यास करेंगे। यह कार्यक्रम महाराजा सुहेलदेव की जयंती के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आयोजित किया जा रहा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।
इस परियोजना में महाराजा सुहेलदेव की एक घोड़े पर सवार प्रतिमा की स्थापना, कैफेटेरिया, अतिथि गृह और बच्चों के पार्क जैसी विभिन्न पर्यटक सुविधाओं को शामिल किया गया है।
उत्तर प्रदेश में कभी भारतीय जनता पार्टी की सरकार में साझीदार रही सुभासपा ने इसे किसान आंदोलन के कारण भाजपा की जमीन खिसकने के मद्देनजर राजभर वोटों को लुभाने का उसका चुनावी ‘स्टंट’ करार दिया है।
सुभासपा के अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि आने वाले महीनों में प्रदेश में पंचायत चुनाव होने वाले हैं और उसके बाद विधानसभा चुनाव होंगे। उन्होंने दावा किया, ‘‘प्रदेश के 18 जिलों के जाट किसानों ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है इसलिए इस पार्टी ने अब राज्य के पूर्वी हिस्सों पर अपनी नजरें गड़ा दी है, जहां राजभर मतदाताओं का दबदबा है। भाजपा सुहेलदेव के नाम पर वोट की खेती करना चाहती है।’’
उन्होंने कहा कि भारत की महान विभूतियों के सम्मान में आमतौर पर डाक टिकट दिल्ली में जारी होते हैं लेकिन महाराजा सुहेलदेव राजभर के नाम का डाक टिकट गाजीपुर में जारी किया जाता है ताकि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को पूरी तरह खत्म किया जा सके। उन्होंने कहा कि इसके बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सुहेलदेव नमन दिवस, सुहेलदेव सम्मान दिवस और जयंती के नाम पर पूर्वांचल में करीब 20 रैलियां की लेकिन कभी महाराजा सुहेलदेव के नाम के आगे राजभर नहीं लगाया।
इस बीच, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के महासचिव अरुण राजभर ने कहा, "यह खुशी की बात है क्योंकि जिस महापुरुष को लोग याद नहीं करना चाहते थे, उन्हें हमारी पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के 18 वर्षों के संघर्ष के बाद लोग याद करने लगे हैं।''
राजभर ने कहा, ''अगर महाराजा सुहेलदेव की जयंती मनाई जा रही है तो भाजपा उनका पूरा नाम महाराजा सुहेलदेव राजभर लिखे, क्योंकि अगर पंडित दीनदयाल उपाध्याय का पूरा नाम वे लिख सकते हैं तो महाराजा सुहेलदेव राजभर का क्यों नहीं।''
राजभर ने आरोप लगाया, ‘‘महाराजा सुहेलदेव के नाम के आगे से राजभर हटाकर पासी समेत कई समाज के लोगों को भाजपा खुश करना चाहती है।''
उल्लेखनीय है कि महाराजा सुहेलदेव को उत्तर प्रदेश का पासी समाज भी अपना पूर्वज मानता है जबकि राजभर समाज भी उन पर अपना दावा करता है।
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में राजभर समाज की बड़ी आबादी है और राजनीतिक दल उन्हें लुभाने की कोशिश करते हैं। राजभरों के नेता ओमप्रकाश राजभर ने सुहेलदेव के नाम पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी बनाई और 2002 से लगातार विधानसभा और लोकसभा चुनावों में किस्मत आजमा रहे हैं।
वर्ष 2017 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सुभासपा ने भाजपा के गठबंधन से आठ सीटों पर चुनाव लड़ा और पहली बार चार सीटों पर जीत हासिल की। सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया लेकिन लगभग दो वर्ष बाद ही उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया। राजभर ने भाजपा सरकार के खिलाफ पिछड़ों के हक के सवाल पर मोर्चा खोल दिया था।
ओमप्रकाश राजभर इस समय भागीदारी संकल्प मोर्चा के बैनर तले एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी समेत कई दलों के नेताओं को एक मंच पर लाकर 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।
ओमप्रकाश राजभर के पुत्र और उनकी पार्टी के महासचिव अरुण राजभर ने आरोप लगाया कि महाराजा सुहेलदेव के नाम पर डाक टिकट जारी किया गया तो उसमें भी उनके नाम के आगे से राजभर हटा दिया गया।
गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले गाजीपुर के एक कार्यक्रम में महाराजा सुहेलदेव के नाम पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक डाक टिकट जारी किया था। इस कार्यक्रम से भाजपा गठबंधन में रहते हुए भी ओमप्रकाश राजभर ने खुद को अलग कर लिया था।
उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह ने बहराइच में सुहेलदेव की प्रतिमा का अनावरण किया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए राजनाथ सिंह ने भी राजधानी लखनऊ में महाराजा सुहेलदेव की प्रतिमा का अनावरण किया था।
इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने वसंत पंचमी (16 फरवरी, 2021) को महाराजा सुहेलदेव जयंती समारोह के अवसर पर प्रदेश के सभी शहीद स्थलों और स्मारकों पर माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा महाराजा सुहेलदेव के शौर्य एवं बलिदान, भारत के गौरवशाली इतिहास की महान विभूतियों, स्वतंत्रता संग्राम के नायकों, प्राचीन, मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास तथा स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाने की घोषणा की है।
शनिवार को जारी आधिकारिक बयान के अनुसार सरकारी विभागों के साथ-साथ विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, निजी प्रकाशकों के माध्यम से भी पुस्तक प्रदर्शनी एवं बिक्री के कार्य किये जायेंगे।
शिक्षा विभाग द्वारा जिले स्तर पर विद्यार्थियों के मध्य प्रतियोगिताओं के माध्यम से भी महाराजा सुहेलदेव के शौर्य एवं बलिदान पर आधारित विभिन्न साहित्यिक एवं सांस्कृतिक आयोजन किया जायेगा। उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी, लखनऊ द्वारा महाराजा सुहेलदेव के शौर्य, बलिदान एवं जीवन संघर्षों पर आधारित प्रदर्शन का आयोजन कर मुख्य कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शनी का आयोजन किया जायेगा।
सूचना एवं संस्कृति विभाग द्वारा विस्तृत कार्य योजना बनाकर महाराज सुहेलदेव के शौर्य, बलिदान एवं अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं से संबंधित पुस्तकों एवं अभिलेखों का डिजिटल संस्करण तैयार किया जायेगा।
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