मोदी ने की पूर्वोत्तर के तीन राज्यों की यात्रा, नागरिकता विधेयक पर भय दूर करने का प्रयास किया

By भाषा | Published: February 10, 2019 01:12 AM2019-02-10T01:12:50+5:302019-02-10T01:12:50+5:30

एनपीपी अध्यक्ष और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने कहा कि चार राज्यों के पार्टी नेताओं की महासभा में पार्टी ने इस विधेयक का विरोध करने तथा उसके पारित होने पर राजग से नाता तोड़ने का प्रस्ताव पारित किया।

Modi tried to overcome the fear of citizenship bill, travel to three states of North-East | मोदी ने की पूर्वोत्तर के तीन राज्यों की यात्रा, नागरिकता विधेयक पर भय दूर करने का प्रयास किया

फाइल फोटो

पूर्वोत्तर के दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को तीन राज्यों में रैलियों को संबोधित किया और आश्वासन दिया कि नागरिकता विधेयक इस क्षेत्र के लोगों के हितों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा बल्कि उन लोगों को सहारा देगा जिन्होंने भारत माता के विचार और आदर्श को गले लगाया है।

लोकसभा से आठ जनवरी को इस विधेयक के पारित होने के बाद पहली बार पूर्वोत्तर की यात्रा पर आए मोदी ने एक दिन में अरुणाचल प्रदेश, असम और त्रिपुरा दौरा किया तथा कई परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया।

वैसे तो मोदी ने असम और पूर्वोत्तर में इस विधेयक को लेकर लोगों का भय दूर करने का प्रयास किया लेकिन मेघालय में भाजपा की सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने राज्यसभा से इस प्रस्तावित विधेयक के पारित होने पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से बाहर आने की धमकी दी।

एनपीपी अध्यक्ष और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने कहा कि चार राज्यों के पार्टी नेताओं की महासभा में पार्टी ने इस विधेयक का विरोध करने तथा उसके पारित होने पर राजग से नाता तोड़ने का प्रस्ताव पारित किया।

मोदी ने असम के स्वास्थ्य मंत्री एवं भाजपा नीत ‘नेडा’ संयोजक हेमंत विश्व शर्मा के विधानसभा क्षेत्र के चांगसारी में एक जनसभा में कहा, ‘‘यह पूर्वोत्तर के लोगों के प्रति एक राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है कि उन्हें किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा और वाजिब छानबीन एवं राज्य सरकारों की सिफारिश के बाद ही नागरिकता दी जाएगी।’’ 

उन्होंने कहा कि यह समझा जाना चाहिए कि जबरन देश में घुसे लोगों और अपने धर्म के चलते अपनी जान बचाने के लिए घर से भागने वाले लोगों के बीच फर्क है। दोनों एक समान नहीं हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के उन अल्पसंख्यकों-- हिंदुओं, ईसाइयों, पारसियों, जैनियों और सिखों को आश्रय देने के लिए कटिबद्ध हैं जिन्हें उन पर ढाहे गये अत्याचार के कारण अपना सबकुछ छोड़ना पड़ा। वे हमारे देश में आये हैं और उन्होंने भारत माता के विचार एवं आदर्श को गले लगाया है।’’ 

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ वर्ग ऐसे हैं जो देश को बर्बादी की राह पर ले गये हैं और अब वे अपने स्वार्थ के चलते नागरिकता के मुद्दे पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं जिससे गलतफहमी पैदा हो रही है। इन लोगों को पहचानना जरुरी है जो दिल्ली में बैठते हैं और संसद में हमारा विरोध करते हैं। उन्हें यह देखने के लिए आज यहां आना चाहिए कि हकीकत क्या है।

नागरिकता विधेयक संसद के उपरी सदन से पारित होने की बाट जोह रहा है जहां सत्तारुढ़ गठबंधन के पास बहुमत का अभाव है।

बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के गैर मुसलमानों को भारतीय नागरिकता देने से जुड़े इस विधेयक का असम एवं अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में भारी विरोध हो रहा है। उनमें भाजपा शासित और नेडा के सहयोगियों के शासन वाले राज्य भी हैं।

मोदी की यात्रा के दौरान असम में आसू, केएमएसएस और अन्य संगठनों के बैनर तले लोगों ने निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन किए, काले झंडे लहराये और पुतला दहन किया। 

मोदी ने कहा कि भाजपा 36 साल पुराने असम समझौते को लागू करने के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और उसके उपबंध - 6 के क्रियान्वयन के लिए एक समिति का गठन उस दिशा में एक कदम है।

यहां उल्लेखनीय है कि समिति के कई सदस्य उससे बाहर आ गये हैं।

मोदी ने कहा कि राजग सरकार असम के लोगों की भाषा, संस्कृति, संसाधनों, आशाओं और आकांक्षाओं की रक्षा करने के लिए कटिबद्ध है और समिति रिपोर्ट देते समय इस बात को ध्यान में रखेगी।

कांग्रेस का नाम लिये बगैर उन्होंने आरोप लगाया कि वह इस संधि को लागू करने के प्रति गंभीर नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह संधि 36 साल पहले हुई लेकिन अबतक इसे लागू नहीं किया गया। उसने असम की जनता के साथ नाइंसाफी की है। मैं आपको आश्वास्त करता हूं कि हमारी सरकार उसे संधि को अक्षरश: लागू करेगी।’’ 

घुसपैठ की समस्या का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार राष्ट्रीय नागरिक पंजी को अद्यतन करने के काम को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के लिए कटिबद्ध है जो उच्चतम न्यायालय की निगरानी में हो रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा घुसपैठ की समस्या का हल करने के लिए कटिबद्ध है और वह भारत बांग्लादेश सीमा को यथाशीघ्र सील करने का काम पूरा करेगी।’’ 

अरुणाचल प्रदेश में वैसे तो विपक्षी कांग्रेस ने इस विधेयक को लेकर उनकी यात्रा के दौरान प्रदर्शन किया लेकिन मोदी ने उसके बारे में कुछ नहीं कहा और खुद को पूर्वोत्तर के विकास मुद्दों तक सीमित रखा।

उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में 4000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की आधारशिला रखी।

अंपनी यात्रा के अंतिम चरण में मोदी त्रिपुरा की राजधानी अगतरला पहुंचे और उन्होंने विपक्ष पर यह कहते हुए पलटवार किया कि ‘महामिलावट वालों’ का मुख्य काम उनका मजाक उड़ाना है और ऐसा लगता है कि सभी उन्हें गालियां देने के ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।

मोदी ने एक बार फिर विपक्ष को ‘महामिलावट’ बताते हुए आरोप लगाया कि उसके नेता सिर्फ ‘‘फोटो के लिए दिल्ली और कोलकाता में एक दूसरे के हाथ पकड़ते हैं।’’

Web Title: Modi tried to overcome the fear of citizenship bill, travel to three states of North-East

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