"मोदी सोचते हैं कि वो चतुर हैं लेकिन वास्तव में वो 'प्रधानमंत्री' पद का अपमान कर रहे हैं" कांग्रेस ने लोकसभा में पीएम मोदी के भाषण को 'निरर्थक' बताते हुए कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 7, 2024 01:22 PM2024-02-07T13:22:57+5:302024-02-07T13:33:45+5:30
देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को लोकसभा में दिये उनके भाषण की बेहद तीव्र निंदा करते हुए कहा कि वो अपने सबसे 'खराब स्थिति' में हैं।
नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने बीते मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को लोकसभा में दिये उनके भाषण की बेहद तीव्र निंदा करते हुए कहा कि वो अपने सबसे 'खराब स्थिति' में हैं और उनका लोकसभा में दिया वक्तव्य बेहद 'निम्न दर्जे' का था।
इसके साथ ही कांग्रेस के कई नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाह दी कि वैश्विक स्तर पर दिग्गज बौद्धिक नेता जवाहरलाल नेहरू को चुनिंदा रूप से उद्धृत करने के बजाय अपनी समझ को और गहरा करें।
समाचार वेबसाइट 'द टेलीग्राफ' के अनुसार कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पीएम मोदी को पहले जवाहर लाल नेहरू के बारे में पढ़ना चाहिए। उसके बाद उन्हें लेकर कोई टिप्पणी करनी चाहिए। कांग्रेस ने भाजपा के लोकतंत्र, भ्रष्टाचार और विकास को लेकर अपनाये जा रहे "दोहरेपन" की ओर इशारा किया गया कि पीएम मोदी वंशवाद को लेकर केवल नेहरू-गांधी परिवार निशाना साधने की बजाय अपनी पार्टी में झांकने की कोशिश करें।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में अपना सबसे खराब भाषण दिया और निश्चित तौर पर वो राज्यसभा में भी ऐसा ही प्रदर्शन दोहराएंगे। वह गहरी असुरक्षाओं और जटिलताओं से ग्रस्त है, जिसके कारण वह नेहरू पर राजनीतिक रूप से नहीं, बल्कि व्यक्तिगत रूप से शातिर तरीके से हमला करते हैं। अटल बिहारी वाजपेई और लालकृष्ण आडवानी ने कभी ऐसा नहीं किया लेकिन मोदी जी सोचते हैं कि वो चतुर हैं परन्तु वास्तव में वे जिस पद पर हैं, उसका अपमान करते हैं।"
राज्यसभा सांसद रमेश ने आगे कहा, "मेगालोमेनिया और नेहरूफोबिया एक जहरीला मिश्रण है, जो भारत में लोकतंत्र की हत्या का कारण बन रहा है। भारत के लोगों, विशेषकर युवाओं ने निर्णय लिया है कि प्रधानमंत्री के रूप में लोकसभा में नरेंद्र मोदी का आखिरी भाषण होगा।"
जयराम रमेश के अलावा कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नरेंद्र मोदी के वंशवाद पर तंज कसते हुए उन्हें संघ परिवार में एक ऐसे परिवार को पेश करने की चुनौती दी, जिसने भारत की आजादी और राष्ट्र-निर्माण में योगदान दिया हो और नेहरू-गांधी परिवार जैसा सर्वोच्च बलिदान दिया हो।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “वे कौन सी विरासत लेकर चलते हैं? जब कांग्रेस अंग्रेजों से लड़ रही थी और जेल की सजा काट रही थी, तब आरएसएस के लोग नौकरियों के लिए आवेदन कर रहे थे। क्या आरएसएस-बीजेपी से किसी ने देश के लिए अपना जीवन बलिदान किया है? क्या 1989 में राजीव गांधी के हारने के बाद से गांधी परिवार से कोई प्रधानमंत्री बना है?”
मोदी की इस टिप्पणी पर कि कांग्रेस "सबसे बड़े ओबीसी" को नहीं देखती, राहुल गांधी ने कहा: "यह किसी व्यक्ति के ओबीसी होने के बारे में नहीं है। यह प्रतिनिधित्व और सामाजिक न्याय के बारे में है। जब हमने जाति जनगणना का मुद्दा उठाया तो मोदी कहने लगे कि केवल दो जातियां हैं- अमीर और गरीब। अब वह कहते हैं कि वह सबसे बड़े ओबीसी हैं। जहां बड़े-छोटे को देखने की मानसिकता को बदलने की जरूरत है, वहीं मोदी को पहले यह तय करना चाहिए कि जाति एक वास्तविकता है या नहीं। मोदी जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश रह रहे हैं क्योंकि वो जाति जनगणना के नाम से डरे हुए हैं?”
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ''मोदीजी, 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के बारे में झूठ बोलना बंद करें। यदि गरीबी कम हुई है तो उपभोग वृद्धि केवल 4.4 प्रतिशत क्यों है? आपकी सरकार 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने के लिए क्यों मजबूर है? ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत क्यों गिर रहा है? ग्रामीण अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य के संकेतक साबुन, तेल, शैम्पू, बिस्कुट जैसी वस्तुएं अधिक क्यों नहीं बिक रही हैं? आपके शासनकाल में क्रय शक्ति पर आधारित प्रति व्यक्ति आय वृद्धि मात्र 4.3 प्रतिशत है, जो मनमोहन सिंह के शासनकाल में 6.2 प्रतिशत थी।''