मोदी सरकार ने प्राइवेट स्कूल और अभिभावकों को आमने-सामने खड़ा कर दिया है!

By प्रदीप द्विवेदी | Published: July 11, 2020 04:04 PM2020-07-11T16:04:04+5:302020-07-11T16:04:33+5:30

प्राइवेट स्कूल के सामने सबसे बड़ी समस्या अपने कर्मचारियों के वेतन देने सहित विभिन्न खर्चें हैं, तो अभिभावक आॅन लाइन पढ़ाई के लिए इतनी ज्यादा फीस देने को राजी नहीं हैं.

Modi government put private schools and parents face to face!-lockdown-crisis | मोदी सरकार ने प्राइवेट स्कूल और अभिभावकों को आमने-सामने खड़ा कर दिया है!

प्राइवेट स्कूल के सामने सबसे बड़ी समस्या अपने कर्मचारियों के वेतन देने सहित विभिन्न खर्चें हैं

Highlightsस्कूल, अभिभावकों पर फीस वसूलने के लिए दबाव बना रहे हैंअभिभावक नियमित स्कूल खुलने से पहले फीस देने को तैयार नहीं हैं.

कोरोना संकट के दौरान जहां केन्द्र सरकार को प्राइवेट स्कूल और अभिभावकों की समस्याओं को लेकर पूरे देश के लिए एकजैसा जरूरी समाधान तलाशना था, उसके बजाय सरकार ने दोनों को अपने-अपने हाल पर छोड़ दिया है, जिसके नतीजे में जहां स्कूल, अभिभावकों पर फीस वसूलने के लिए दबाव बना रहे हैं, वहीं अभिभावक नियमित स्कूल खुलने से पहले फीस देने को तैयार नहीं हैं.

प्राइवेट स्कूल के सामने सबसे बड़ी समस्या अपने कर्मचारियों के वेतन देने सहित विभिन्न खर्चें हैं, तो अभिभावक आॅन लाइन पढ़ाई के लिए इतनी ज्यादा फीस देने को राजी नहीं हैं.

इसका परिणाम यह है कि इधर प्राइवेट स्कूल तेजी से स्टाफ में कमी कर रहे हैं, तो उधर अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं, परेशान हैं.

कायदे से केन्द्र सरकार को इनके लिए आर्थिक पैकेज देना था, ताकि प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों की नौकरी पर तलवार नहीं लटकती और अभिभावक भी तनाव में नहीं रहते.

लेकिन, केन्द्र सरकार ने इस समस्या की ओर देखना भी जरूरी नहीं समझा, जिसका परिणाम यह है कि प्राइवेट स्कूल अपने तरीके से दबाव बना रहे हैं, तो अभिभावक अपनी बात पर अड़े हुए हैं और दोनों पक्ष एक-दूजे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं!

Web Title: Modi government put private schools and parents face to face!-lockdown-crisis

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे