"मोदी सरकार 'बिलडोजर' से कुचल रही है लोकतंत्र", आप सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा से पास हुए सीईसी बिल पर कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: December 13, 2023 11:53 IST2023-12-13T11:50:28+5:302023-12-13T11:53:20+5:30
आप सांसद राघव चड्ढा ने चुनाव आयोग बिल पर कहा कि मोदी सरकार ने इस 'बिलडोजर' से लोकतंत्र को कुचलने का काम किया है।

एएनआई
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों से जुड़े नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यावधि विधेयक, 2023 के राज्यसभा में पारित होने पर कड़ा एतराज जताते हुए केंद्र सरकार के इस कदम का बेहद तीखा विरोध किया है।
इसके साथ ही आप सांसद चड्ढा ने मांग की कि देश में निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए एक स्वतंत्र चुनाव आयोग बेहद आवश्यक है और सरकार उसे अपने प्रभाव के तहत लाकर बेहद खतरनाक काम कर रही है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए राघव चड्ढा ने बीते मंगलवार को कहा, "मोदी सरकार ने इस 'बिलडोजर' बिल को राज्यसभा से पास कराकर लोकतंत्र को कुचलने का काम किया है। यदि देश में कोई स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव आयोग नहीं होगा तो स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव भला कैसे हो सकते हैं?"
आप सांसद ने आगे कहा, "चुनाव आयोग की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। यह ईवीएम मशीनों के उपयोग का निर्णय लेता है। पार्टी चिन्ह, चुनाव कार्यक्रम, सब कुछ चुनाव आयोग द्वारा तय किया जाता है। इस कारण से चुनाव आयोग की स्वतंत्रता बेहद महत्वपूर्ण है।''
आप नेता चड्ढा ने कहा, "हम सभी मिलकर आंतरिक रूप से इस विषय में परामर्श करेंगे और कानूनी सलाह लेंगे। हम इसे सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दे सकते हैं।"
मालूम हो कि बीते मंगलवार को राज्यसभा ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर कानून पारित कर दिया, जबकि विपक्ष प्रस्तावित कानून पर अपनी आपत्ति जताने के बाद कार्यवाही से बाहर चला गया।
यह विधेयक केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के जवाब के बाद पारित किया गया, जिन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग "स्वतंत्र रूप से काम करना" जारी रखेगा और यह विधेयक सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लाया गया है।
वहीं कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने इस विधेयक को भारत के लोकतंत्र पर हमला बताते हुए कहा कि भारत के लोकतंत्र और चुनावी तंत्र की स्वायत्तता, निर्भयता और निष्पक्षता को मोदी सरकार ने गलत नियमों के बुलडोजर से कुचल दिया है।
सुरजेवाला ने कहा, "मोदी सरकार ने भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयोग के चुनाव आयुक्तों को 'मोहरा चुनाव आयुक्त' बनाने के लिए राज्यसभा में कानून पारित कराया है।"
उन्होंने कहा, "एक समय था जब चुनाव आयोग का मतलब 'चुनावी विश्वसनीयता' होता था, आज इसका मतलब है 'चुनावी समझौता' हो गया है।"