एक्शन में मोदी सरकार, पिछले पांच साल में 222 भ्रष्ट अफसर पर गिरी गाज, समय से पहले किए गए रिटायर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 5, 2020 08:32 PM2020-02-05T20:32:29+5:302020-02-05T20:32:29+5:30

कार्मिक राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया के जुलाई 2014 से अक्तूबर 2019 के बीच विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों के समूह-ए के 96 अधिकारियों और समूह-बी के 126 कर्मचारियों (कुल 222) के विरुद्ध मूलभूत नियमों या एफआर 56 (जे) के प्रावधानों का प्रयोग किया गया।

Modi government in action, 222 corrupt officers have fallen in the last five years, premature retire | एक्शन में मोदी सरकार, पिछले पांच साल में 222 भ्रष्ट अफसर पर गिरी गाज, समय से पहले किए गए रिटायर

इनमें ग्रुप-ए के 163 और ग्रुप-बी के 157 अधिकारी शामिल थे।

Highlightsसरकारी अधिकारियों को ईमानदारी एवं अकुशलता के आधार पर समय पूर्व सेवानिवृत्त करने का पूर्ण अधिकार दिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘एफआर 56 (जे) के प्रावधान सरकार में कुशलता में सुधार को सुनिश्चित करते हैं।’’

सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि पिछले पांच साल में 96 वरिष्ठ अधिकारियों सहित 222  भ्रष्ट कर्मचारियों को समय पूर्व सेवानिवृत्ति दी गयी।

कार्मिक राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया के जुलाई 2014 से अक्तूबर 2019 के बीच विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों के समूह-ए के 96 अधिकारियों और समूह-बी के 126 कर्मचारियों (कुल 222) के विरुद्ध मूलभूत नियमों या एफआर 56 (जे) के प्रावधानों का प्रयोग किया गया।

एफआर 56 (जे) के तहत जनहित में सरकार को किसी भी सरकारी अधिकारियों को ईमानदारी एवं अकुशलता के आधार पर समय पूर्व सेवानिवृत्त करने का पूर्ण अधिकार दिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘एफआर 56 (जे) के प्रावधान सरकार में कुशलता में सुधार को सुनिश्चित करते हैं।’’

इनमें ग्रुप-ए के 163 और ग्रुप-बी के 157 अधिकारी शामिल थे। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने बुधवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन अफसरों पर जुलाई 2014 से दिसंबर 2019 के बीच अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई। यह कार्रवाई केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम और 1972 का अधिनियम 56 (जे) के तहत हुई।

अधिनियम 56 (जे) सरकार को समय-समय पर कर्मचारियों के काम की समीक्षा का अधिकार देता है। इसके तहत अक्षम पाए जाने या भ्रष्ट आचरण होने पर अधिकारी को समय से पहले सेवानिवृत्त किया जा सकता है। इसके लिए तीन महीने का नोटिस या इसके एवज में उतने महीने की तनख्वाह और भत्ते दिए जाते हैं। ये प्रावधान ग्रुप-ए और बी के सरकारी कर्मचारियों पर लागू होते हैं। 

केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री ने कहा- मौजूदा समय में केंद्र सरकार के अलग-अलग विभागों में 6.83 लाख पद रिक्त हैं। इन विभागों में कर्मचारियों की कुल निर्धारित संख्या 38,02,779 है, जबकि 31,18,956 कर्मचारी सेवा दे रहे हैं। यह पद कर्मचारियों की रिटायरमेंट, इस्तीफा, मौत या उनके प्रमोशन के कारण रिक्त हैं। रिक्त पदों को भरना एक नियमित प्रक्रिया है। इसे मंत्रालयों, विभागों और संस्थानों के नियमों के मुताबिक पूरा किया जाता है।

Web Title: Modi government in action, 222 corrupt officers have fallen in the last five years, premature retire

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