गंगा की सफाई के मिशन में पिछले 5 साल में 15 गुना बढ़ा खर्चा, पर मंजिल अब भी बहुत दूर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 8, 2019 01:44 PM2019-10-08T13:44:17+5:302019-10-08T13:44:17+5:30
नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा नमामि गंगे योजना को साल 2014-15 में शुरू किया गया था। पहले साल में यह खर्च 170.99 करोड़ था जो अब बढ़कर साल 2018-19 तक 2,626.54 करोड़ रुपये पहुंच गया।
गंगा की सफाई के मिशन में सरकार के खर्चे में 15 गुना वृद्धि हो चुकी है और नमामि गंगे स्कीम के तहत मौजूदा वित्तीय वर्ष के समाप्त होने तक यह खर्च अब तक के सबसे उच्चतम स्तर तक पहुंच सकती है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार नेशनल मिशन ऑफ क्लीन गंगा (NMCG) के डायरेक्टर जनरल राजीव रंजन मिश्रा ने कहा, 'मौजूदा जिम्मेदारियों और स्वीकृत परियोजनाओं के आधार पर हम उम्मीद करते हैं कि नमामि गंगे के तहत असल खर्च 3,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। गंगा की सफाई के लिए एक साल में यह खर्च की अधिकतम राशि होगी।'
राजीव मिश्रा ने कहा, यह पैसे गंगा और उसकी सहायक नदियों के लिए स्कीम और परियोजनाओं पर खर्च होंगे। इसमें गंदे पानी को साफ करने के लिए नये सिवेज ट्रिटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) बनाने सहित पुराने एसटीपी के पुनर्वासन और उसमें सुधार जैसे कार्य भी शामिल हैं।
नमामि गंगे योजना को साल 2014-15 में नरेंद्र सरकार की ओर से शुरू किया गया था। पहले साल में खर्च 170.99 करोड़ से बढ़कर साल 2018-19 तक 2,626.54 करोड़ रुपये पहुंच गया था। अब तक इस योजना के तहत 298 प्रोजेक्ट स्वीकृत हुए हैं। इसमें 40 एसटीपी से जुड़े हैं। केंद्र ने साल 2015 से 2020 के बीच गंगा की सफाई के लिए 20,000 करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं।
बता दें कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोमवार को कहा कि गंगा 2021 तक गंगोत्री और हरिद्वार के बीच साफ कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी नाले और कारखानों से निकलने वाले कचरे को भी 2021 में हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुंभ मेले से पहले रोक दिया जाएगा।
गंगा नदी में एक महीने तक चलने वाले राफ्टिंग और केकिंग जैसे खेलों के अभियान लिए कार्यक्रम 'गंगा आमंत्रण अभियान' की शुरुआत करते हुए शेखावत ने कहा, 'यह बात सभी के मन में बैठी हुई है कि देश में गंगा सबसे प्रदूषित नदी है। यह सही नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि यह आयोजन इस गलत भ्रांति को तोड़ेगा।'
शेखावत ने कहा कि सरकार पूरी गंगा की सफाई के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन इसमें उम्मीद से ज्यादा समय लग सकता है। शेखावत ने कहा कि जर्मनी की राइन नदी को साफ करने में 30 साल लगे थे।