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चीन से तनातनी के बीच मोदी सरकार ने लद्दाख के लिए शिंकुन ला सुरंग के निर्माण को दी मंजूरी, जानिए इसके क्या हैं मायने

By विनीत कुमार | Updated: February 16, 2023 08:58 IST

सरकार ने हर मौसम में लद्दाख तक पहुंच को सुलभ बनाने के लिए 4.1 किलोमीटर लम्बी शिंकुन ला सुरंग के निर्माण को मंजूरी दे दी है। यह हिमाचल प्रदेश को लेह से जोड़ेगा।

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ठळक मुद्देनिमू-पदम-दरचा सड़क सम्पर्क पर 4.1 किलोमीटर लम्बी शिंकुन ला सुरंग के निर्माण को मंजूरी।हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के बीच बनेगी सुरंग, 2025 तक बन कर तैयार हो जाएगा।किसी भी मौसम में इस सुरंग के जरिए सैन्य साजो-सामान और दूसरी चीजें लद्दाख में सीमावर्ती इलाकों तक पहुंचाई जा सकेंगी।

नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने निमू-पदम-दरचा सड़क सम्पर्क पर 4.1 किलोमीटर लम्बी शिंकुन ला सुरंग के निर्माण को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी जो सभी मौसमों में लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों के लिये सम्पर्क प्रदान करेगी। चीन के साथ पिछले 33 महीनों से लगातार जारी गतिरोध के बीच सरकार ने इस सुरंग के निर्माण की मंजूरी दी है। यह सुरंग सीमा पर लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के बीच होगी।

2025 तक बन कर तैयार हो जाएगा सुरंग

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने पत्रकारों को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि सुरंग के निर्माण का कार्य दिसंबर 2025 तक पूरा हो जायेगा और इस पर 1681 करोड़ रूपये की लागत आयेगी। 

इस सुरंग की लम्बाई 4.1 किलोमीटर होगी और यह सभी मौसमों में लद्दाख के लिये सड़क सम्पर्क को सुगम बनायेगी। यह इस केंद्र शासित प्रदेश के सीमावर्ती इलाके तक जाने के लिए सबसे छोटा रास्ता होगा। ठाकुर ने बताया कि यह परियोजना सुरक्षा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है और इससे सुरक्षा बलों को इन इलाकों तक पहुंचने में सहूलियत होगी।

बीआरओ बनाएगा  16,500 फीट से अधिक की ऊंचाई पर सुरंग 

मनाली-दारचा-पदम-निमू के रास्ते पर समुद्र तल से 16,500 फीट से अधिक की ऊंचाई पर बनने वाली यह सुरंग चीन या पाकिस्तान द्वारा लंबी दूरी की मिसाइल या तोपों की फायरिंग से भी सुरक्षित होगी और सुनिश्चित करेगी सैनिकों और भारी हथियारों को तेजी से आगे के इलाकों में पहुंचाया जा सके। इसका निर्माण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) करेगी।

बता दें कि मई 2021 में रक्षा मंत्रालय ने बीआरओ और राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के बीच लंबी खींचतान के बाद 4.1 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने की योजना को मंजूरी दी थी। बीआरओ ने जबकि छोटी सुरंग का प्रस्ताव दिया था, वहीं एनएचआईडीसीएल ने 12.7 किलोमीटर की सुरंग कनेक्टिविटी का प्रस्ताव दिया है।

सूत्रों के अनुसार कि छोटी सुरंग के साथ योजना में आगे बढ़ने का एक मुख्य कारण चीन से खतरे के सामने परियोजना को जल्द पूरा करना है। हालांकि बीआरओ ने 2019 में दारचा-पदम-निमू पर बिटुमिनस परत बिछा दी थी, लेकिन शिंकुन ला में भारी बर्फ के कारण सर्दियों के महीनों में इस सड़क का उपयोग अभी नहीं किया जा सकता है।

टॅग्स :लद्दाखनरेंद्र मोदीचीनहिमाचल प्रदेश
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