सीमा पर तैनात सेना को और मजबूती प्रदान करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 72000 असॉल्ट राइफल और 93 हजार 895 कार्बाइन की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मोदी सरकार इन हथियारों को 3547 करोड़ रुपए में खरीदेगी। यह निर्णय देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता आयोजित रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में लिया गया है।
बताया जा रहा है कि सरकार के इस कदम से सशस्त्र बलों बड़ा फायदा होगा और छोटे हथियारों की कमी दूर होगी। साथ ही असॉल्ट राइफलें और कार्बाइन भारतीय सेना की पुरानी इंसास राइफलों की जगह ले सकती हैं। वहीं इन हथियारों की खरीद जल्द शुरू की जाएगी। इसके लिए निविदा आमंत्रित की जाएगी।
रक्षा मंत्रालय मुताबिक, डीएसी ने रक्षा खरीद प्रक्रिया की मेक टू श्रेणी में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। उसने यह सब रक्षा डिजाइन और रक्षा उत्पादन में निजी क्षेत्र की भागीदारी और मेक इन इंडिया कार्यक्रम को प्रोत्साहन देने के लिए किया है।
भारतीय सेना की इंसास रायफल छोटा हथियार है। इस साल 1990 में डीआरडीओ ने विकसित किया था, जिसका स्थान क्लोज क्वार्टर कार्बाइन शॉर्टर रेंज की राइफल ले सकती है। यह रायफल कम दूरी की मार करने में बेहतर है। भारतीय सेना इंटीग्रेटेड साइट और लेजर डिजाइनेटर वाली राइफलें चाहती है।