केंद्र सरकार ने अपनी लैटरल भर्ती नीति के तहत विभिन्न क्षेत्रों में नौ निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को शुक्रवार को विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिव नियुक्त किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने इन नियुक्तियों को मंजूरी दी। सरकार की एक अधिसूचना में कहा गया है कि निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों के नौ संयुक्त सचिवों को तीन साल की अवधि के लिए या अगले आदेश तक नियुक्त किया गया है।
जिन लोगों को नियुक्त किया गया है उनमें काकोली घोष (कृषि मंत्रालय), अंबर दुबे (नागरिक उड्डयन), अरुण गोयल (वाणिज्य), राजीव सक्सेना (आर्थिक मामले), सुजीत कुमार बाजपेयी (पर्यावरण, वन), सौरभ मिश्रा (वित्त सेवा), दिनेश दयानंद जगदले (नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा), सुमन प्रसाद सिंह (सड़क परिवहन एवं राजमार्ग) और भूषण कुमार (जहाजरानी) शामिल हैं।
संयुक्त सचिव और तीन उपसचिवों समेत पांच अधिकारी पीएमओ में नियुक्त
नियुक्तियों के सिलसिले में प्रधानमंत्री कार्यालय में एक संयुक्त सचिव, तीन उप सचिवों और एक निदेशक समेत पांच अधिकारियों की शुक्रवार को नियुक्तियां की गईं। इससे पहले पी. के. सिन्हा को पीएमओ में विशेष दायित्व अधिकारी (ओएसडी) नियुक्त किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने पांच वर्षों से अधिक समय तक प्रधानमंत्री के अहम सहायक के तौर पर काम करने के बाद अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने आईएएस अधिकारी अरविंद श्रीवास्तव और हार्दिक सतीशचंद्र शाह को पीएमओ में क्रमश: संयुक्त सचिव और उप सचिव नियुक्त किया।
1994 बैच के कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी श्रीवास्तव अभी वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग में संयुक्त सचिव हैं। उन्होंने इस साल आम बजट बनाने में अहम भूमिका अदा की थी। एक अलग सरकारी आदेश में एसीसी ने गुजरात कैडर के 2010 बैच के आईएएस अधिकारी शाह को पीएमओ में उप सचिव नियुक्त किया गया।
वह अभी पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के निजी सचिव हैं। सक्षम प्राधिकरण ने भारतीय विदेश सेवा के 2006 और 2007 बैच के अधिकारी क्रमश: अभिषेक शुक्ला और प्रतीक माथुर को उप सचिव तथा भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा सेवा के 2005 के सौरभ शुक्ला को शीर्ष कार्यालय में निदेशक नियुक्त किया।