मोदी सरकार ने स्वीकारा देश में बेरोजगारी सर्वेक्षण से जुड़े आंकड़े हुये थे लीक, कहा- हम आरोपी का लगा रहे पता

By भाषा | Published: July 18, 2019 04:16 PM2019-07-18T16:16:53+5:302019-07-18T16:16:53+5:30

योजना मंत्रालय में राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने इसे गंभीर मामला बताते हुये कहा कि हम यह नहीं कह सकते हैं कि डाटा किसने लीक किया था। लेकिन किसी ने लीक जरूर किया है। सरकार ने इसे गंभरता से लिया है।

Modi government accepted the statistics revealed related to unemployment survey in country | मोदी सरकार ने स्वीकारा देश में बेरोजगारी सर्वेक्षण से जुड़े आंकड़े हुये थे लीक, कहा- हम आरोपी का लगा रहे पता

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सरकार ने स्वीकार किया है कि देश में बेरोजगारी के सर्वेक्षण से जुड़े आंकड़ों को आधिकारिक तौर पर जारी किये जाने से पहले इसके कुछ आंकड़े लीक हुये थे। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा योजना मंत्रालय में राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान सर्वे एक पूरक सवाल के जवाब में बताया, ‘‘सर्वेक्षण का परिणाम लीक हुआ था, यह बात दुरुस्त है। सर्वेक्षण का परिणाम 30 मई 2019 में सार्वजनिक होना था मगर इसके पहले इसका डाटा लीक हुआ था।’’

सिंह ने इसे गंभीर मामला बताते हुये कहा, ‘‘हम यह नहीं कह सकते हैं कि डाटा किसने लीक किया था। लेकिन किसी ने लीक जरूर किया है। सरकार ने इसे गंभरता से लिया है। इसके पीछे शायद किसी का कोई एजेंडा हो, यह हम कह नहीं सकते हैं। हम यह पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि किसने डाटा लीक किया था।’’

उन्होंने सर्वेक्षण में बेरोजगारी की दर अपने अधिकतम स्तर 6.1 प्रतिशत पर पहुंचने की वजह से जुड़े पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि जुलाई 2017 से जून 2018 के दौरान राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय द्वारा किये गये आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण से उपलब्ध पहले अनुमान के आधार पर सामान्य स्थिति में बेरोजगारी की दर 6.1 प्रतिशत रही है।

सिंह ने स्पष्ट किया कि पहले पांच साल के अंतराल पर यह सर्वेक्षण किया जाता था, लेकिन अब यह सर्वेक्षण नये तरीके से प्रतिवर्ष किये जाने की शुरुआत की गयी है। प्रत्येक वित्तीय वर्ष की तिमाही के आधार पर किये जाने वाले इस सर्वेक्षण में नया तरीका अपनाये जाने के कारण बेरोजगारी की दर 2011-12 में किये गये पिछले सर्वेक्षण में दर्शायी गयी 2.2 प्रतिशत से अधिक आयी है।

उन्होंने कहा कि अगर पिछले तरीके से ही सर्वेक्षण होता तो यह दर पहले के स्तर के आसपास ही रहती। सिंह ने कहा कि नये तरीके अपनाने, एक ही शहर में प्रत्येक परिवार को चार बार सर्वेक्षण में शामिल करने और हर साल सर्वेक्षण करने जैसे बदलावों के कारण शहरी और ग्रामीण इलाकों में यह बढ़ोतरी हुयी है। अगले साल अगर इसमें बढ़ेातरी होने पर यह माना जा सकता है कि बेरोजगारी से निपटने के लिये सरकार के प्रयास काबिल नहीं है।

उन्होंने कहा कि इस विषय को गंभीरता से लेते हुये सरकार ने आज रोजगार और कौशल विकास पर एक मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया है। जिससे लोगों को अधिकतम रोजगार सुनिश्चित करने के सुझाव मिल सकें। 

Web Title: Modi government accepted the statistics revealed related to unemployment survey in country

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