आयुष्मान भारत को कैबिनेट से मंजूरी, 5 लाख तक का इलाज अब फ्री में
By पल्लवी कुमारी | Published: March 21, 2018 10:11 PM2018-03-21T22:11:32+5:302018-03-21T22:11:32+5:30
इस योजना का लाभ देश के 10 करोड़ परिवारों को होगा। केंद्र सरकार इस योजना पर 85,217 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
नई दिल्ली, 21 मार्च; केंद्र सरकार की कैबिनेट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाआयुष्मान भारत हेल्थ स्कीम को मंजूरी दे दी है। 21 मार्च की शाम को हुई बैठक में केंद्रीय कैबिनेट ने इसको पास किया है। इस योजना को मोदीकेयर भी कहा जाता है। इस योजना से देश के 10 करोड़ परिवारों के लिए 5 लाख रुपये के बीमा कवर का ऐलान किया गया है।कैबिनेट ने नेशनल हेल्थ मिशन को जारी रखने पर भी अपनी सहमति जताई है। यह योजना 31 मार्च 2020 तक लागू रहेगी। जिसके लिए केंद्र सरकार 85,217 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
कैबिनेट की बैठक में सरोगेसी (रेग्युलेशन) बिल में संशोधनों को भी मंजूरी दे दी गई। यह बिल सरोगेसी को नियंत्रित करने के इरादे से लाया गया है। आयुष्मान भारत की योजना पर निगरानी रखने के लिए भी एक अथॉरिटी बनाई जाएगी। इस योजना पर केंद्र सरकार 60 प्रतिशत और राज्य सरकार 40 फीसदी खर्च करेगी।
Cabinet approves extension of the term of the Commission constituted to examine the issue of Sub-categorization of Other Backward Classes in the Central List.
— ANI (@ANI) March 21, 2018
आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज के लिए 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर साल में मिलेगा। इससे पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए एक साल में 30 हजार रुपये का ही बीमा कवर मिलता था। इस योजना से कोई भी व्यक्ति 5 लाख तक का इलाज फ्री में करा सकेगा। लेकिन यह फायदा तभी मिलेगा जब बीमारी बड़ी हो या मरीज अस्पताल में भर्ती होने होने वाला होगा। लेकिन स्वास्थ्य केंद्रों का फायदा छोटे और बड़े हर तरह के बीमार लोगों को तुरंत मिलेगा।
Cabinet approves extension of the term of the Commission constituted to examine the issue of Sub-categorization of Other Backward Classes in the Central List.
— ANI (@ANI) March 21, 2018
यहां एक फायदा यह भी है कि 5 लाख रुपये तक का बीमा एक परिवार कई लोग भी ले सकते हैं, जिनकी हालत काफी गंभीर हो। इसमें परिवार के सदस्यों की संख्या पर कोई रोक नहीं है। हालांकि इस योजना का फायदा किसको मिलेगा इसका फैसला आर्थिक आधार पर होगा। इस योजना के दायरे में आने वाले परिवारों को सरकारी और चुने हुए प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की सुविधा मिलेगी।