मॉडल बिल्डर-खरीदार समझौता: उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से जवाब मांगा

By भाषा | Updated: November 8, 2021 20:00 IST2021-11-08T20:00:16+5:302021-11-08T20:00:16+5:30

Model builder-buyer agreement: Supreme Court seeks response from Center | मॉडल बिल्डर-खरीदार समझौता: उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से जवाब मांगा

मॉडल बिल्डर-खरीदार समझौता: उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से जवाब मांगा

नयी दिल्ली, आठ नवंबर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र में एक मॉडल बिल्डर-खरीदार समझौते की जरूरत है और केंद्र को इस मुद्दे पर अपना जवाब दाखिल करना चाहिए क्योंकि यह ‘‘जनहित में एक महत्वपूर्ण मामला’’ है।

न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज से जानकारी लेने और 22 नवंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा।

पीठ ने नटराज से कहा, ‘‘यह एक महत्वपूर्ण मामला है न कि विरोध का मुद्दा। जनहित में यह एक महत्वपूर्ण मामला है। सरकार के पास रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (आरईआरए) के तहत एक मॉडल बिल्डर-खरीदार समझौता करने का अधिकार है। कृपया इसे देखें और 22 नवंबर तक अपना जवाब दाखिल करें। इस तरह के मॉडल समझौते के अनुरोध को लेकर घर खरीदारों का एक समूह इस अदालत में आया है।’’

उच्चतम न्यायालय ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय को इस मुद्दे पर एक संक्षिप्त नोट तैयार करने और इसे कानून अधिकारी के साथ याचिका के साथ साझा करने को कहा।

उच्चतम न्यायालय ने चार अक्टूबर को कहा था कि देश में उपभोक्ता संरक्षण के लिए रियल एस्टेट क्षेत्र में एक मॉडल बिल्डर-खरीदार समझौता होना महत्वपूर्ण है क्योंकि रियल एस्टेट कंपनियां इसमें ऐसी कई शर्तें लगाने की कोशिश करती हैं, जिनके बारे में आम लोगों को जानकारी नहीं होती।

न्यायालय ने याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

उपाध्याय ने कहा था कि केंद्र द्वारा एक मॉडल समझौता तैयार किया जाना चाहिए क्योंकि कुछ राज्यों में यह है और कुछ में नहीं है तथा उन समझौतों में एकरूपता नहीं है।

उपाध्याय की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा था कि जिन राज्यों में मॉडल समझौते हैं, वहां बिल्डर शामिल की जाने वाली शर्तों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं और इसलिए केंद्र को इसे तैयार करना चाहिए तथा सभी राज्यों एवं केंद्र शासित क्षेत्रों को मॉडल समझौते को लागू करने के निर्देश जारी किए जाने चाहिए।

उपाध्याय द्वारा दाखिल जनहित याचिका में केंद्र को ग्राहकों की सुरक्षा के लिए बिल्डरों और एजेंट खरीदारों की खातिर, तथा रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (आरईआरए) अधिनियम, 2016 के अनुरूप रिएल्टी क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के लिए मॉडल समझौते तैयार करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।

पिछले साल अक्तूबर में दाखिल की गयी याचिका में न्यायालय से सभी राज्यों को 'मॉडल बिल्डर खरादीर समझौता' और 'मॉडल एजेंट खरीदार समझौता' लागू करने तथा ग्राहकों को "मानसिक, शारीरिक एवं वित्तीय नुकसान’ से बचाने के लिए कदम उठाने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।

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Web Title: Model builder-buyer agreement: Supreme Court seeks response from Center

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