शिवसेना बागी गुट के विधायक अब ठाकरे परिवार पर कर रहे हैं सीधा हमला, आदित्य ठाकरे को बताया 'युवराज'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 27, 2022 02:23 PM2022-08-27T14:23:48+5:302022-08-27T14:30:02+5:30
महाराष्ट्र में शिंदे गुट के विधायकों का मानना है कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे सीमा से परे जाकर उनके खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं लेकिन अब बागी विधायक भी ठाकरे को जवाब देने का पूरा मन बना चुके हैं।
मुंबई: बगावत के बाद बिखरी हुई शिवसेना संभलने की जद्दोजहद में दो गुटों के तौर पर अब खुलकर आमने-सामने खड़ी नजर आ रही है। शिवसेना से बगावत करने वाले को गद्दार बताने का प्रयास कर रहे आदित्य ठाकरे पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट ने व्यंग्य के तौर पर आदित्य ठाकरे को 'युवराज' कहा है।
शिंदे गुट के विधायकों का मानना है कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे सीमा से परे जाकर उनके खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं लेकिन अब बागी विधायक भी ठाकरे को जवाब देने का पूरा मन बना चुके हैं।
यही वजह है कि विधानसभा कार्रवाई के आखिरी दिन गुरुवार को बागी विधायकों ने आदित्य ठाकरे के खिलाफ विधान भवन की सीढ़ियों पर बैनर लगाकर उन पर जबरदस्त हमला किया। उस बैनर में लिखा था, "युवराजंची दिशा चकली" यानी राजकुमार अपना रास्ता भूल गए हैं।
वहीं आदित्य ठाकरे बागी विधायकों के खिलाफ '50 खोके, एदुम ओके' का नारा बुलंद कर रहे हैं, जिसका अर्थ है कि शिवसेना से बगावत करने वाले विधायकों ने पैसों के बदले अपनी वफादारी बेच दी. जिसके कारण जून में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में चलने वाली एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी वाली सरकार गिर गई और फिर एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर मुख्यमंत्री की गद्दी पर बैठे थे।
शिवसेना के दोनों गुटों के बीच बुधवार को भी उस समय भारी रसाकसी की स्थिति पैदा हो गई थी, जब शिंदे गुट के साथ सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने भी पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे को निशाना बनाकर विरोध प्रदर्शन किया था।
सत्ताधारी समूह का मानना है कि शिवसेना के नियंत्रण वाले बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) में भारी भ्रष्टाचार हुआ है और उसी भ्रष्टाचार के लिए उद्धव ठाकरे हिंदुत्व से समझौता किया ताकि वो अपनी सत्ता को बचा सकें। शिंदे गुट ने ठाकरे के विरोध में जो बैनर लगाये थे, उनमें लिखा था, "राजा (उद्धव ठाकरे) कोरोना की डर से घर के अंदर बैठे रहे, जबकि युवराज (आदित्य ठाकरे) के दोस्तों ने प्रदेश का खजाना लूट लिया।
बागी विधायकों ने बांद्रा स्थित ठाकरे परिवार के निजी आवास 'मातोश्री' को भी अपने हमले में शामिल करते हुए आरोप लगाया कि ठाकरे परिवार बीएमसी में हुए भ्रष्टाचार में शामिल है और विधायकों ने "स्थायी समिति चे खो ... 'मातोश्री' ठीक है" जैसे नारे भी लगाए।
मालूम हो कि बीते जून में शिवसेना से बगावत करने के बाद शिंदे गुट ने पहली बार ठाकरे परिवार के खिलाफ सीधे तौर पर निशाना साधा है। पूर्व में शिंदे गुट की तरफ से विधायक दीपक केसरकर ने कहा था कि बागी विधायक कभी भी उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे के खिलाफ हमला नहीं करेंगे क्योंकि वे बाला साहेब ठाकरे के परिवार से आते हैं।
वहीं आदित्य ठाकरे लगातार प्रदेश में चक्रमण करते हुए बागी विधायकों पर हमला करते हुए उन्हें देशद्रोही करार दे रहे हैं और उन पर अपने बीमार पिता की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप भी लगा रहे हैं। इसके जवाब में मुंबई के माहिम से शिवसेना के बागी विधायक सदा सर्वंकर ने कहा कि अब बहुत हो चुका, शिंदे समर्थक खामोश नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा, "वह (आदित्य ठाकरे) हमें गद्दार कह रहे हैं, लेकिन उन्होंने (ठाकरे), जब एनसीपी और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर हिंदुत्व की पीठ में छुरा घोंपा था, तब उन्होंने प्रदेश की जनता के बारे में सोचा था। आखिर हम कब तक उसकी बातों को सुनते रहेंगे?"
विधायक सर्वंकर के अलावा शिवसेना के एक अन्य बागी विधायक संजय शिरसत ने कहा कि आदित्य ठाकरे के फैलाए झूठ का मुकाबला करने के लिए जरूरी है कि शिंदे गुट भी उन्हीं की जुबान में हमला करे। शिरसत ने कहा, "तुम हद पार करोगे तो हम चैन से नहीं बैठेंगे। तुम्हारे पैदा होने से पहले से हम तुम्हारे पिता के साथ काम करते रहे हैं। अगर तुम ऐसी ही भाषा में बोलते रहोगे तो तुम्हें विधानभवन की सीढ़ियों पर बैठने तक ही सीमित कर दिया जाएगा।"
दापोली विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना के एक अन्य बागी विधायक योगेश कदम ने कहा, "आदित्य ठाकरे को उनकी भाषा में जवाब देना जरूरी है, अब तक हम चुप रहे क्योंकि उनके नाम में ठाकरे लगा है। हमने उनपर इसलिए ध्यान नहीं दिया क्योंकि हम 'मातोश्री' की इज्जत करते हैं। लेकिन अगर अब वो हम पर हमला करेंगे तो हम चुप नहीं बैठेंगे।" (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)