आइजोल, आठ मार्च मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार म्यांमा से भारतीय क्षेत्र में आए लोगों को फिलहाल राहत उपलब्ध करा रही है और उनके भविष्य के संबंध में केंद्र सरकार के निर्देश का इंतजार कर रही है।
लालचमलियाना ने विधानसभा को बताया कि म्यांमा में सेना के तख्तापलट करने के बाद वहां अस्थिर राजनीतिक स्थिति की वजह से हाल के दिनों में पड़ोसी देश से कुछ लोग भारत आ गए हैं।
उन्होंने कहा कि मानवीय संकट की वजह से मिजोरम आने वाले म्यांमा के नागरिकों की पहचान का विस्तृत रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है और राज्य सरकार फिलहाल उन्हें राहत उपलब्ध करा रही है।
गृह मंत्री ने कहा कि इसके बाद उन्हें कैसे आश्रय और राहत उपलब्ध कराई जाएगी इसका फैसला केंद्र सरकार के निर्देश के अनुरूप लिया जाएगा।
लालचमलियाना ने कहा, “ विदेशी का मामला केंद्र का विषय है। इसलिए हम केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।”
म्यांमा में पिछले महीने सेना ने चुनी हुई नागरिक सरकार को बेदखल कर सत्ता अपने हाथ में ले ली थी। इसके बाद पड़ोसी देश से भागकर कई लोग भारत में आ गए हैं और मिजोरम में शरण ले रहे हैं। इनमें कुछ पुलिस कर्मी भी शामिल हैं।
राज्य के शीर्ष पुलिस अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि फरवरी के अंत से 100 से ज्यादा म्यांमा के नागरिक मिजोरम पहुंच चुके हैं।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि शरणार्थियों की अभी सटीक संख्या नहीं बताई जा सकती है, क्योंकि कुछ लोग स्थानीय मिजो लोगों के साथ रह रहे हैं।
लालचमलियाना ने कहा कि भारत शरणार्थियों की सुरक्षा के लिए कानूनी तौर पर बाध्य नहीं है, क्योंकि उसने 1951 के संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी संधि और 1967 के उसके प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
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