मिशनरीज ऑफ चैरिटी पर सेवा के नाम पर धर्मांतरण के आरोप लगते रहते हैं: पांचजन्य

By विशाल कुमार | Published: January 4, 2022 08:20 AM2022-01-04T08:20:54+5:302022-01-04T08:23:50+5:30

आरएसएस से जुड़ी पत्रिका पांचजन्य के 'सलीब, सत्ता और षड़यंत्र' शीर्षक वाले लेख में कहा गया है कि मदर टेरेसा को भारत की तथाकथित धर्मनिरपेक्ष राजनीति की आवश्यकताओं के कारण भारत रत्न दिया गया था और उन्हें संत की उपाधि झूठ के आधार पर प्रदान की गई थी।

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मिशनरीज ऑफ चैरिटी पर सेवा के नाम पर धर्मांतरण के आरोप लगते रहते हैं: पांचजन्य

Highlightsगृह मंत्रालय ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी का एफसीआरए पंजीकरण रद्द कर दिया था।मिशनरीज ऑफ चैरिटी इन आरोपों का जवाब देने से इनकार कर दिया।

नई दिल्ली: विदेशी योगदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत मिशनरिज ऑफ चैरिटी का पंजीकरण नवीनीकृत करने से केंद्र सरकार के इनकार करने के बाद आरएसएस से जुड़ी पत्रिका पांचजन्य ने एक लेख में कहा है कि मदर टेरेसा द्वारा स्थापित संगठन के खिलाफ धर्म परिवर्तन और अन्य अनियमितताओं के आरोप नए नहीं हैं।

'सलीब, सत्ता और षड़यंत्र' शीर्षक वाले लेख में कहा गया है कि मदर टेरेसा को भारत की तथाकथित धर्मनिरपेक्ष राजनीति की आवश्यकताओं के कारण भारत रत्न दिया गया था और उन्हें संत की उपाधि झूठ के आधार पर प्रदान की गई थी।

लेख में कहा गया है कि सेवा के नाम पर धर्मांतरण में शामिल होने के आरोप अक्सर मिशनरीज ऑफ चैरिटी पर लगते रहे हैं।

वहीं, कुछ किताबों का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया गया है कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी के केंद्रों में बीमारों को दवाओं से वंचित रखा जाता है ताकि वे सूली पर चढ़ाए जाने के दौरान यीशु मसीह के दर्द का अनुभव करें।

हालांकि, लेख में कहा गया है कि जब दिसंबर 1991 में मदर टेरेसा बीमार पड़ गईं, तो उन्हें कैलिफोर्निया में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 

लेख में आरोप लगाया गया है कि बीमार लड़के के इलाज की अनुमति नहीं मिलने के बाद एक नन ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी छोड़ दिया था।

2018 में झारखंड में मिशनरीज ऑफ चैरिटी केंद्र से बाल तस्करी के आरोपों का जिक्र करते हुए लेख में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल मानव तस्करी के केंद्र के रूप में उभरा है। 

मिशनरीज ऑफ चैरिटी के एफसीआरए लाइसेंस का नवीकरण न होने का सबसे पहले जिक्र पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ट्वीट पर सवाल उठाते हुए लेख में कहा गया कि लोग पूछ रहे हैं कि ममता बनर्जी को केंद्र द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में कैसे पता चला. लोगों के सवाल उस दान से जुड़े हैं जो राजनीतिक दल प्राप्त कर रहे हैं।

हालांकि, मिशनरीज ऑफ चैरिटी इन आरोपों का जवाब देने से इनकार कर दिया।

बता दें कि, गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि एफसीआरए पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए मिशनरीज ऑफ चैरिटी के आवेदन को पात्रता शर्तों को पूरा नहीं करने के चलते 25 दिसंबर को अस्वीकार कर दिया गया।

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