Mission Karmayogi: अधिकारी बनेंगे ‘कर्मयोगी’, अधिकारियों को दी जाएगी खास ट्रेनिंग, जानिए सबकुछ
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 2, 2020 06:28 PM2020-09-02T18:28:52+5:302020-09-02T18:39:19+5:30
एक सिविल सेवक को समाज की चुनौतियों का सामना करने के लिए कल्पनाशील और इनोवेटिव, सक्रिय और विनम्र, पेशेवर और प्रगतिशील, ऊर्जावान और सक्षम, पारदर्शी और तकनीक-सक्षम, रचनात्मक और सृजनात्मक होना चाहिए : कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव सी. चंद्रमौली
नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नियुक्ति के बाद सिविल सेवाओं में कार्मिकों की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता विकास कार्यक्रम (एनपीसीएससीबी) ‘मिशन कर्मयोगी’ को मंजूरी दे दी। इसकी जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह मिशन अधिकारियों और सरकारी कर्मचारियों को उनके क्षमता निर्माण का एक मौका प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि मिशन ‘कर्मयोगी’ के तहत सिविल सेवा क्षमता निर्माण योजनाओं को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक परिषद को मंजूरी दी गयी। मुख्यमंत्री इस परिषद के सदस्य होंगे। जावड़ेकर ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने नियुक्ति के बाद एक बहुत बड़ा सुधार का फैसला किया है जिसमें अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने प्रदर्शन में सुधार का एक मौका दिया जाएगा।’’
सरकार में मानव संसाधन विकास का सबसे बड़ा कार्यक्रम
उन्होंने कहा कि सरकार में मानव संसाधन विकास का सबसे बड़ा कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि पिछली बैठक में मंत्रिमंडल ने नियुक्ति से पहले की प्रक्रिया के लिए एक राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन को मंजूरी दी थी। केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बाद यह योजना लाई गई है। इससे कर्मचारियों के व्यक्तिनिष्ठ मूल्यांकन को समाप्त करने में मदद करेगा और उनका वैज्ञानिक तरीके से उद्देश्यपरक और समयोचित मूल्यांकन सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मिशन कर्मयोगी सरकारी कर्मचारियों को एक आदर्श कर्मयोगी के रूप में देश सेवा के लिए विकसित करने का प्रयास है ताकि वे सृजनात्मक और रचनात्मक बन सकें और तकनीकी रूप से सशक्त हों।’’ उन्होंने कहा कि पहले यह पूरी प्रक्रिया नियम आधारित थी जो अब कार्य आधारित होगी।
मिशन कर्मयोगी सिविल सेवकों की दक्षताओं के विकास के लिए ई-लर्निंग पर होगा फोकस। केंद्रीय कार्मिक व प्रशिक्षण मंत्रालय में सचिव सी चंद्रमौली ने कहा कि मिशन कर्मयोगी का गठन सटीक दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान के साथ भविष्य को ध्यान में रखकर सिविल सेवा का निर्माण करने के लिए किया गया है।
नए भारत की दृष्टि से जुड़ा हुआ है और क्षमता निर्माण पर केंद्रित
उन्होंने कहा, ‘‘यह नए भारत की दृष्टि से जुड़ा हुआ है और क्षमता निर्माण पर केंद्रित है। मिशन कर्मयोगी अभियान सिविल सेवा क्षमता निर्माण से संबंधित एक राष्ट्रीय कार्यक्रम होगा। यह न केवल व्यक्तिगत क्षमता निर्माण पर बल्कि संस्थागत क्षमता निर्माण और प्रक्रिया पर भी केंद्रित है।’’
चंद्रमौली ने कहा कि वर्तमान में प्रशिक्षण परिदृश्य विविधताओं से भरा और बिखरा हुआ है। विभिन्न मंत्रालयों में, विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा प्रशिक्षण प्राथमिकताओं में विसंगतियां हैं, इसने भारत की विकासात्मक आकांक्षाओं की साझा समझ को रोका है।
उन्होंने कहा, ‘‘एक प्रशासनिक अधिकारी को समाज की चुनौतियों का सामना करने के लिए कल्पनाशील और अभिनव, सक्रिय और विनम्र, पेशेवर और प्रगतिशील, ऊर्जावान और सक्षम, पारदर्शी और तकनीकी तौर पर दक्ष और रचनात्मक होना चाहिए।’’
Mission Karmayogi focuses on individual (civil servants) & institutional capacity building. At top, there will be a PM's HR Council which will consist of national & international experts under the chairmanship of PM: C Chandramouli, Secretary, Department of Personnel & Training pic.twitter.com/TYnKfMgeKC
— ANI (@ANI) September 2, 2020
मिशन कर्मयोगी के तहत सरकारी अधिकारियों के काम को किस तरह और ज्यादा बेहतर किया जाए, उस पर काम किया जाएगा। अधिकारियों की स्किल बढ़ाना, इस योजना का प्रमुख लक्ष्य होगा। भर्ती होने के बाद कर्मचारियों, अधिकारियों की क्षमता में लगातार किस तरह से बढ़ोतरी की जाए, इसके लिए इस मिशन को शुरू किया गया है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि 2017 में पीएम मोदी मसूरी के सिविल सर्विस अधिकारियों के ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट गए थे। उस दौरान वहां पीएम मोदी ने ट्रेनिंग में व्यापक बदलाव पर चर्चा की थी। मिशन कर्मयोगी के तहत शुरू किए गए नए डिजिटल प्लैटफॉर्म से अब सिविल सेवा से जुड़े अधिकारी कहीं भी बैठकर ट्रेनिंग ले सकेंगे। मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट के माध्यम से भी ट्रेनिंग की सुविधा उपलब्ध होगी।