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वित्त मंत्रालय का मंत्रालयों व विभागों को गैर-जरूरी खर्च घटाने का निर्देश

By भाषा | Updated: September 4, 2020 21:07 IST

प्रशासनिक खर्चों के बारे में व्यय विभाग ने सुझाव दिया है कि किसी तरह की छपाई या पुस्तकों, प्रकाशनों तथा दस्तावेजों के प्रकाशन के लिए आयातित कागज का इस्तेमाल नहीं किया जाए।

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ठळक मुद्देमंत्रालय ने कहा कि स्थापना दिवस पर समारोहों आदि पर खर्च को कम किया जाना चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि परामर्शकों का शुल्क तय करते समय इस बात की सावधानी बरती जाए कि इससे उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों की गुणवत्ता और मात्रा प्रभावित नहीं हो।नए पदों के सृजन के बारे में कहा गया है कि इनपर प्रतिबंध रहेगा।

नयी दिल्ली: चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे में भारी वृद्धि की आशंका के बीच सरकार ने शुक्रवार को सभी मंत्रालयों/विभागों से गैर- जरूरी खर्चों को कम करने को कहा है। सरकार ने मंत्रालयों/विभागों से परामर्शकों की नियुक्ति की समीक्षा करने, आयोजनों में कटौती करने और छपाई के लिए आयातित कागत का इस्तेमाल बंद करने की सलाह दी है।

व्यय विभाग ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने खर्च के बेहतर प्रबंधन पर ये निर्देश सार्वजनिक व्यय की गुणवत्ता को सुधारने, गैर-विकासात्मक खर्च को नियंत्रित करने और महत्वपूर्ण प्राथमिकता वाली योजनाओं के लिए पर्याप्त संसाधन सुनिश्चित करने को ध्यान में रखते हुये दिए हैं। विभाग की ओर से जारी एक कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘मौजूदा राजकोषीय स्थिति तथा सरकार के संसाधनों पर दबाव को देखते हुए गैर-प्राथमिकता वाले खर्चों को कम करने और तर्कसंगत बनाने की जरूरत है।

ताकि प्राथमिकता वाले खर्च के लिए संसाधन सुनिश्चित किए जा सकें।’’ प्रशासनिक खर्चों के बारे में व्यय विभाग ने सुझाव दिया है कि किसी तरह की छपाई या पुस्तकों, प्रकाशनों तथा दस्तावेजों के प्रकाशन के लिए आयातित कागज का इस्तेमाल नहीं किया जाए। सिर्फ विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों को इसमें छूट होगी। मंत्रालय ने कहा, ‘‘स्थापना दिवस पर समारोहों आदि पर खर्च को हतोत्साहित किया जाना चाहिए।

यदि समारोह का आयोजन जरूरी हो, तो खर्च सीमित किया जाना चाहिए। किसी भी स्थिति में इस तरह के समारोहों के लिए यात्रा, बैग या स्मृति चिह्र से बचा जाना चाहिए।’’ वित्त मंत्रालय के तहत व्यय विभाग ने सभी मंत्रालयों/विभागों से व्यक्तिगत परामर्शकों की सामान्य वित्तीय नियमों (जीएफआर) के तहत की गई नियुक्तियों की समीक्षा करने और इन परामर्शकों की संख्या जरूरत के हिसाब से न्यूनतम करने को कहा है।

मंत्रालय ने कहा कि परामर्शकों का शुल्क तय करते समय इस बात की सावधानी बरती जाए कि इससे उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों की गुणवत्ता और मात्रा प्रभावित नहीं हो। नए पदों के सृजन के बारे में कहा गया है कि इनपर प्रतिबंध रहेगा। कुछेक मामलों में व्यय विभाग की अनुमति से नए पदों का सृजन किया जा सकता है।

मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यदि एक जुलाई, 2020 के बाद यदि कोई नया पद बनाया गया है, जिसके लिए व्यय विभाग की मंजूरी नहीं ली गई है, और इस पर यदि नियुक्ति नहीं हुई है, तो इसे रिक्त ही रखा जाए। यदि इस पर नियुक्ति बेहद जरूरी है, तो इसके लिए व्यय विभाग की मंजूरी ली जाए।

इससे पहले इसी सप्ताह वित्त मंत्रालय ने मंत्रालयों/विभागों/सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों तथा सरकारी बैंकों को कैलेंडर, डायरियां, ग्रीटिंग कार्ड की छपाई नहीं करने का निर्देश दिया था। इसके अलावा मंत्रालय ने कॉफी-टेबल बुक के प्रकशन को भी प्रतिबंधित करते हुए कहा था कि इसके बजाय ई-बुक का इस्तेमाल किया जा सकता है। 

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