रेमडेसिविर की लाखों शीशियां भले ही निर्यात की गयी हों, लेकिन नागरिकों को कमी झेलनी पड़ रही : अदालत
By भाषा | Updated: April 27, 2021 19:18 IST2021-04-27T19:18:09+5:302021-04-27T19:18:09+5:30

रेमडेसिविर की लाखों शीशियां भले ही निर्यात की गयी हों, लेकिन नागरिकों को कमी झेलनी पड़ रही : अदालत
नयी दिल्ली, 27 अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 बीमारी के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाई रेमडेसिविर की लाखों शीशियों का भले ही भारत द्वारा निर्यात किया गया हो, लेकिन उसके अपने ही नागरिक इस दवा की भारी कमी का सामना कर रहे हैं।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि भारत में कई कंपनियां इस दवा का उत्पादन कर रही हैं और दवा की लाखों शीशीओं का निर्यात किया गया होगा लेकिन "अपने मरीजों की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमारे पास मात्रा नहीं है।"
अदालत ने कहा, "आंकड़ों से पता लगता है कि दिल्ली में इस दवा की भारी कमी है।" इसके साथ ही अदालत ने केंद्र, भारतीय औषधि महानियंत्रक और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से सवाल किया कि क्या मरीजों को रेमडिसिविर देने से संबंधी दिशानिर्देशों में कोई बदलाव किया गया है।
अदालत ने केंद्र से यह भी सवाल किया कि यह निर्णय किस आधार पर किया गया कि दिल्ली सरकार को कितनी दवा आवंटित की जानी चाहिए और क्या दवा खरीदने के लिए सीधे निर्माता या आपूर्तिकर्ता से संपर्क किया जा सकता है।
अदालत का यह निर्देश एक वकील की याचिका पर आया जो कोविड से पीड़ित हैं और उन्हें रेमडेसिविर की छह खुराकों की जरूरत थी लेकिन उन्हें सिर्फ तीन खुराक ही मिल सकी।
अदालत ने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा कि याचिकाकर्ता को आज रात नौ बजे तक दवा की शेष तीन खुराकें मिल जाएं। अतिरिक्त स्थायी वकील अनुज अग्रवाल दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए।
इस मामले में अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी।
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