Milkipur By Election Results 2025 LIVE: उत्तर प्रदेश के फैजाबाद संसदीय क्षेत्र की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर आज नतीजे जारी होंगे। उप चुनाव में बुधवार को मतदान एक नया रिकॉर्ड बन गया था। इस सीट पर 65.25 फीसदी से ज्यादा वोट पड़े थे। यह इस सीट पर हुए मतदान का नया रिकार्ड है। मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू होगा। सपा नेता अवधेश प्रसाद के फैजाबाद लोकसभा सीट जीतने के बाद यहां पर उपचुनाव हो रहा है। यहां पर मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच है। सीएम योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव के महत्वपूर्ण हो गया है।
उपचुनाव समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया है. कारण, यह सीट राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अयोध्या जिले का हिस्सा है। यूपी की मिल्कीपुर सीट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की साख दांव पर लगी है। बीते वर्षों में सिर्फ एक बार इस सीट पर भाजपा को जीत हासिल हुई है।
उपचुनाव सीएम योगी के लिए प्रतिष्ठा का चुनाव बन गया है. वही सपा मुखिया अखिलेश यादव भी इस इस सीट को जीत कर अपनी प्रतिष्ठा को बढ़ाना चाहते हैं। यही वजह है कि इस सीट से चुनाव लड़ रहे सपा के उम्मीदवार अजीत प्रसाद और भाजपा के उम्मीदवार चंद्रभान पासवान पर चर्चा करते हुए लोग यह कह रहे हैं कि इस चुनाव में सीएम योगी और सपा मुखिया अखिलेश यादव के बीच ही चुनाव हो रहा है।
सपा सांसद अवधेश प्रसाद का कहना है कि यह सीट समाजवादी रंग में रंगी हुई है। पूरे प्रदेश में भगवा लहर होने के बाद भी बीते विधानसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद ने यहां से जीते थे और अब उनके पुत्र अजीत प्रसाद इस सीट से चुनाव जीतने जा रहे हैं। मिल्कीपुर सीट से कुछ दस प्रत्याशी मैदान में हैं। बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट पर अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है।
लेकिन भीम आर्मी के प्रमुख, सांसद चंद्रशेखर आजाद ने अपनी आजाद समाज पार्टी से सूरज चौधरी को इस सीट से सियासी मैदान में उतारा है। मिल्कीपुर में चर्चा है कि इस सीट पर भाजपा के चंद्रभान पासवान और सपा के अजीत प्रसाद में सीधी मुक़ाबला है। अब देखना यह है कि तीन लाख 58 हजार मतदाता वाली इस सीट पर मतदाताओं ने किसको अपना आशीर्वाद सबसे अधिक दिया है।
इस सीट पर एक लाख 40 हजार दलित मतदाता हैं. जिसमें 50 हजार पासी, 50 हजार ब्राह्मण, 60 हजार यादव, 50 हजार मुसलमान, 30 हजार राजपूत हैं. चुनाव के दौरान इस सीट पर कोई प्र्मुख मुद्दा हावी नहीं रहा है. चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में जरूर इस सीट पर एक दलित युवती की हत्या और महाकुंभ के दौरान भगदड़ में लोगों ही हुई मौत का मुद्दा जरूर चर्चा में रहा है।
अब देखना यह है कि मिल्कीपुर के लोगों के इस सीट पर भारी मतदान कर सीएम योगी और अखिलेश के उम्मीदवारों में से किसे अपना आशीर्वाद दिया है।अब यदि भाजपा इस उप चुनाव में यहां से जीत का परचम लहरा पाने में सफल होती है तो वो लोकसभा चुनाव में फैजाबाद संसदीय सीटपर मिली हार का बदला लेने में कामयाब हो जाएगी, परंतु यदि सपा अपने गढ़ को बचा पाने में कामयाब हुई तो इसे अखिलेश यादव की बड़ी जीत के तौर पर देखा जाएगा।