मध्य प्रदेश बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों ने खाना ना मिलने को लेकर किया विरोध प्रदर्शन, पुलिस पर फेंके पत्थर

By पल्लवी कुमारी | Published: May 15, 2020 07:44 AM2020-05-15T07:44:47+5:302020-05-15T07:44:47+5:30

प्रवासी मजदूरों ने आरोप लगाया कि सरकार ने उनके लिए भोजन और परिवहन की कोई व्यवस्था नहीं कर रही है वह कई घंटों तक बिना कुछ खाए और पीए बैठे हुए हैं।

Migrants Protest Near MP-Maharashtra border waiting food, transport pelt stones | मध्य प्रदेश बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों ने खाना ना मिलने को लेकर किया विरोध प्रदर्शन, पुलिस पर फेंके पत्थर

विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रवासी, तस्वीर स्त्रोत-सोशल मीडिया

Highlightsमध्य प्रदेश सरकार ने अपने बयान में कहा कि प्रवासियों का सबसे अधिक दबाव सेंधवा के निकट मध्य प्रदेश महाराष्ट्र की सीमा पर पड़ रहा है। सेंधवा सीमा पर पिछले तीन दिनों में लगभग 15 हजार श्रमिकों को भोजन करवा कर उन्हें बसों के माध्यम से देवास होते हुए उनके गंतव्य की ओर भेजा गया है।

भोपाल:मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में मुंबई-आगरा राजमार्ग पर सेंधवा कस्बे के पास सैकड़ों प्रवासी मजदूरों ने परिवहन और भोजन की व्यवस्था की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। 14 अप्रैल को भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों ने हाईवे जाम कर दिए और पुलिस और पुलिस थाने पर पथराव किया। इन प्रवासी मजदूरों का आरोप है कि मध्य प्रदेश की सरकार इनके लिए खाना और परिवहन की कोई व्यवस्था नहीं कर रही है। 

घटनास्थल का बनाए गए वीडियो में सैकड़ों लोग दिखाई दे रहे हैं, जो चिल्ला रहे थे और राजमार्ग के किनारे चल रहे थे। घटनास्थल से रिपोर्ट में कहा गया कि उन्होंने घटनास्थल पर तैनात पुलिस पर पत्थरबाजी की। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों ने यहां 14 मई को कई बार हंगामा किया और आरोप लगाया कि प्रशासन द्वारा उनके परिवहन और भोजन की व्यवस्था नहीं की गई है। नाराज होकर श्रमिकों ने दोपहर में पथराव कर हंगामा कर दिया हालांकि इसमें कोई घायल नहीं हुआ। 

प्रवासियों में गर्भवती महिलाएं सहित बच्चे भी शामिल

पुणे (महाराष्ट्र) से यहां पहुंचे शैलेश त्रिपाठी ने कहा कि प्रवासियों में गर्भवती महिलाएं, वरिष्ठ नागरिक और बच्चे शामिल हैं, इनको यहां भोजन, पानी और परिवहन के अभाव में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यहां मप्र-महाराष्ट्र की सीमा पर बड़ी संख्या में प्रवासी कई घंटे से बैठे हैं लेकिन उनके लिए परिवहन की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश के सतना, रीवा, अनूपपुर और मध्यप्रदेश के अन्य जिलों के साथ ही अन्य प्रदेशों के लोग भी यहां फंसे हुए हैं। 

जानें प्रशासन ने क्या कहा? 

बड़वानी के जिलाधिकारी अमित तोमर ने कहा कि प्रवासियों को यहां से 135 बसों से विभिन्न जिलों में बने ट्रांजिट प्वाइंट पर भेजा गया है। जिला प्रशासन और बसों की व्यवस्था करने की कोशिश कर रहा है ताकि प्रवासियों को उनके घरों तक भेजा जा सके। प्रवासियों द्वारा पथराव और हंगामा किए जाने के सवाल पर तोमर ने कहा कि कुछ बसों के रवाना होने के बाद शेष बचे प्रवासी श्रमिकों को यह लगा कि उनके लिए और बसें नहीं आएंगी लेकिन अधिकारियों के आश्वासन पर वह शांत हो गए।

मध्य प्रदेश सरकार ने क्या कहा? 

मध्य प्रदेश सरकार ने भोपाल में जारी अपने बयान में कहा कि प्रवासियों का सबसे अधिक दबाव सेंधवा के निकट मध्य प्रदेश महाराष्ट्र की सीमा पर पड़ रहा है और वहां हर दिन पांच से हजार प्रवासी कामगार पहुंच रहे हैं। प्रदेश सरकार ने कहा कि इन श्रमिकों को भोजन, चिकित्सा परीक्षण के बाद नि:शुल्क बसों के माध्यम से देवास के ट्रांजिट सेंटर पर पहुंचाया जा रहा है। वहां से बसों द्वारा सागर, छतरपुर, गुना और शिवपुरी पहुंचाया जाता है। इन स्थानों से प्रदेश के दूसरे जिलों के श्रमिकों को उनके जिले में और उत्तर प्रदेश, झारखण्ड तथा बिहार के श्रमिकों को उत्तर प्रदेश की सीमा तक पहुंचाया जा रहा है। 

सेंधवा सीमा पर पिछले तीन दिनों में लगभग 15 हजार श्रमिकों को भोजन करवा कर उन्हें बसों के माध्यम से देवास होते हुए उनके गंतव्य की ओर भेजा गया है। श्रमिकों की संख्या काफी अधिक होने से बसों की संख्या और फेरे बढ़ाने की सतत कोशिशें की जा रही हैं। 
 

Web Title: Migrants Protest Near MP-Maharashtra border waiting food, transport pelt stones

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