दशहरा: इस बार जलेगा #Metoo रूपी रावण, चितरंजन पार्क में दिखेगी ग्रामीण पश्चिम बंगाल की झलक
By मेघना वर्मा | Updated: October 16, 2018 11:45 IST2018-10-16T11:45:09+5:302018-10-16T11:45:09+5:30
इस बार जहां इकोफ्रेंडली दुर्गा पूजा पंडाल बनाने पर ध्यान दिया जा रहा है तो वहीं कुछ पंडाल ऐसे भी हैं जिन्हें जर्मनी से लाए गए समानों से बनाया जाएगा।

दशहरा: इस बार जलेगा #Metoo रूपी रावण, चितरंजन पार्क में दिखेगी ग्रामीण पश्चिम बंगाल की झलक
नवरात्रि के साथ ही देश दुर्गा पूजा और विजयदशमी के त्योहार को मनाने की तैयारियों में जुट गया है। जहां लोग अपने परिवार के साथ रामलीला देखने जा रहे हैं तो वहीं रावण दहन देखने के लिए भी प्लानिंग हो रही है। बुराई पर अच्छाई की जीत का ये त्योहार इस बार देश के सबसे बड़े मुद्दे #मी टू कैंपेन के खिलाफ मनाया जाएगा। इस बार राजधानी समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में नारी शक्ति की ताकत देखने को मिलेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार राजधानी दिल्ली में सोशल कैंपेन #मी टू रूपी रावण के पुतले का दहन किया जाएगा।
लाल किले पर विजयदशमी के दिन होने वाले लंका दहन में जिन रावण रूप को बनाया जाएगा वह ऑनलाइन कैंपेन #मी टू के रूप में बनाया जाएगा। जिसे जलाकर महिलाओं के खिलाफ हो रहे शोषण को दिखाया जाएगा।
नव श्री धार्मिक लीला कमिटी के सेक्रेटरी नें मीडिया को बताया कि हर साल दशहरे पर कमिटी एक सोशल एविल को दहन करती है। इस साल सबसे सोशल पर चलने वाला सबसे बड़ा मुद्दा है और महिलाओं के खिलाफ हुई इस बुराई को इस बार रावण के रूप में जलाया जाएगा। आयोजनकों ने इस बात का भी ध्यान रखा है कि इस पुतले को ऐसी चीजों से बनाया जाएगा जिससे प्रदूषण का खतरा ना हो।
वहीं पटेल नगर दुर्गा पूजा के आयोजको ने बताया कि हर साल उनकी यहां होने वाली दुर्गा पूजा में पुरूष आयोजक हिस्सा लेते थे और सारे इंतजाम देखते थे। लेकिन औरतें किसी से कम नहीं है इसलिए इस बार यह जिम्मा महिलाओं को सौंपा गया है। कमिटी को ऐचआर प्रोफेशनल शैली भौमिक ने यह जानकारी दी।
चितरंजन पार्क या सीआर पार्क दिल्ली में दुर्गा पूजा के लिए काफी फेमस है। यहां के आयोजनकों ने इस बार पंडाल की थीम को रूरल बंगाल पर रखी है। जिसमें पश्चिम बंगाल के गांव को दर्शाया जाएगा। कमिटी ने इस बात का भी ध्यान रखा है कि ऐसी चीजों को का इस्तेमाल किया जाए जिससे प्रदूषण कम फैले।
इस बार जहां इकोफ्रेंडली दुर्गा पूजा पंडाल बनाने पर ध्यान दिया जा रहा है तो वहीं कुछ पंडाल ऐसे भी हैं जिन्हें जर्मनी से लाए गए समानों से बनाया जाएगा। वहीं दुर्गा पूजा के पास आते ही काली बाड़ी टेम्पल में भी भक्तों की भीड़ देखी जा सकती है।