मणिपुर: असम राइफल्स के खिलाफ मैतेई समूह ने फिर खोला मोर्चा, राजनाथ सिंह से मिलकर राज्य से वापस बुलाने की मांग की
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: September 16, 2023 02:25 PM2023-09-16T14:25:52+5:302023-09-16T14:27:12+5:30
एक मैतेई समूह ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करके राज्य से असम राइफल्स को वापस बुलाने की मांग की है। मैतेई समूह का आरोप है कि असम राइफल्स का रवैया पक्षपाती है और इसके जवान पहाड़ी लोगों के समर्थन में काम कर रहे हैं।

असम राइफल्स मणिपुर में शांति बहाल करने में लगी है
गुवाहाटी: मणिपुर में चार महीने तक चली जातीय हिंसा में लगभग 175 लोग मारे गए हैं और 1,108 अन्य घायल हुए हैं। इस बीच राज्य में असम राइफल्स की भूमिका को लेकर विवाद फिर शुरू हो गया है। एक मैतेई समूह ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करके राज्य से असम राइफल्स को वापस बुलाने की मांग की है। मैतेई समूह का आरोप है कि असम राइफल्स का रवैया पक्षपाती है और इसके जवान पहाड़ी लोगों के समर्थन में काम कर रहे हैं।
मणिपुर में जारी हिंसा में लोगों की जान गई हैं। घर तबाह हुए हैं। धार्मिक संरचनाओं पर हमले हुए हैं। थानों पर धावा बोलकर हथियार भी लूटे गए हैं। इसके आंकड़े भी सामने आए हैं। पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) आईके मुइवा ने पत्रकारों को बताया कि कुल मिलाकर आगजनी के 5,172 मामले हुए हैं। इनमें 386 धार्मिक संरचनाओं, 254 चर्चों और 132 मंदिरों - में आगजनी और तोड़फोड़ शामिल है। 32 लोगों के लापता होने की सूचना है।
खोए हुए हथियारों और गोला-बारूद के बारे में बात करते हुए मुइवा ने कहा, "हमने 1,329 हथियार, 15,050 गोला-बारूद और 400 बम बरामद किए हैं। इसके अलावा कुल 360 अवैध बंकर भी नष्ट किए गये।"
असम राइफल्स को लेकर क्या है विवाद
मणिपुर में मैतेई समुदाय का आरोप है कि असम राइफल्स का रवैया एकतरफा है। एक प्रभावशाली मैतेई नागरिक समाज संगठन मणिपुर इंटीग्रिटी पर समन्वय समिति के अनुसार प्रतिनिधिमंडल ने उल्लेख किया कि विरोध करने वाले मैतेइयों को लाठियों, आंसू गैस, रबर की गोलियों और यहां तक कि गोलियों से निपटा जाता है। लेकिन विरोध करने वाले कुकियों को उसी तरह से नहीं निपटा जाता है। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि इससे "पक्षपातपूर्ण" व्यवहार की भावना पैदा हुई और मैतेई लोगों में चिंता और भय पैदा हुआ।
मैतेई नागरिक समाज संगठन मणिपुर इंटीग्रिटी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि असम राइफल्स और सेना दोनों समुदायों के साथ समान रूप से व्यवहार करें। मणिपुर में आम तौर पर असम राइफल्स की 20 बटालियन तैनात रहती है। उनका मुख्य काम उग्रवाद-विरोधी मिशन चलाना और सीमा सुरक्षा करना है।
यहां तक कि मणिपुर पुलिस ने भी असम राइफल्स पर ऑपरेशन में बाधा डालने के आरोप लगाए हैं। इसके अलावा मणिपुर की बीजेपी यूनिट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से असम राइफल्स की जगह दूसरे अर्धसैनिक बलों की तैनाती करने की मांग की है। हालांकि सेना ने असम राइफल्स का बचाव करते हुए तमाम आरोपों पर पहले ही कहा था कि असम राइफल्स की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है, जो मणिपुर में शांति बहाल करने में लगी है।