तीन तलाक विधेयक को लेकर महबूबा-उमर में छिड़ा ट्विटर वॉर, उमर बोले-मोदी सरकार की मदद
By स्वाति सिंह | Published: July 30, 2019 11:35 PM2019-07-30T23:35:32+5:302019-07-30T23:35:32+5:30
संसद ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा पर रोक लगाने के प्रावधान वाले एक ऐतिहासिक विधेयक को मंगलवार को मंजूरी दे दी। विधेयक में तीन तलाक का अपराध सिद्ध होने पर संबंधित पति को तीन साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है।
मोदी सरकार ने संसद के दोनों सदनों में मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा पर रोक लगाने के प्रावधान को मंगलवार पास करवा ही लिया।इस बिल को लेकर उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि संसद में आप की पार्टी की गैरमौजूदगी से राज्यसभा में बिल पास कराने में सरकार को मदद मिली है।
उमर अब्दुल्ला ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा 'महबूबा मुफ्ती जी, आपको अपने सदस्यों को देखना चाहिए था कि उन्होंने इस बिल पर कैसे वोट दिया। मैं समझता हूं कि उन्होंने उन्होंने सदन में अनुपस्थित रहकर सरकार की मदद की।
इस टिप्पणी पर पलटवार करते हुए बाद महबूबा मुफ्ती ने लिखा 'उमर साहब, मेरा सुझाव है कि आप नैतिकता का ऊंचा घोड़ा त्याग दें क्योंकि यह आपकी अपनी पार्टी थी जिसने 1999 में भाजपा के खिलाफ मतदान करने के लिए सोज़ साहब (सैफुद्दीन सोज) को निष्कासित कर दिया था।'
Mehbooba Mufti ji, you might want to check how your members voted on this bill before tweeting. I understand they abstained which helped the government with the numbers needed to pass the bill. You can’t help the government & then “fail to understand need to pass”! https://t.co/Z0Ma5ST5ko
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) July 30, 2019
Omar sahab, I suggest you get off your moral high horse since it was your own party that expelled Soz sahab for voting against the BJP in 1999. FYI in parliament, abstention is essentially a no vote. https://t.co/zBVGboDKbX
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) July 30, 2019
बता दें कि संसद ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा पर रोक लगाने के प्रावधान वाले एक ऐतिहासिक विधेयक को मंगलवार को मंजूरी दे दी। विधेयक में तीन तलाक का अपराध सिद्ध होने पर संबंधित पति को तीन साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है।
मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को राज्यसभा ने 84 के मुकाबले 99 मतों से पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। इससे पहले उच्च सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजने के विपक्षी सदस्यों द्वारा लाये गये प्रस्ताव को 84 के मुकाबले 100 मतों से खारिज कर दिया।