"महबूबा मुफ्ती अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के दिये फैसले के खिलाफ लोगों को भड़काना बंद करें", लद्दाख भाजपा के प्रभारी ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 20, 2023 07:40 AM2023-12-20T07:40:36+5:302023-12-20T07:45:17+5:30
भाजपा के लद्दाख प्रभारी तरुण चुघ ने महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट द्वारा धारा 370 पर दिये फैसले के खिलाफ जनता की भावनाओं को भड़काना बंद कर देना चाहिए।
चंडीगढ़: जम्मू-कश्मीर में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और लद्दाख के पार्टी प्रभारी तरुण चुघ ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट द्वारा धारा 370 पर दिये फैसले के खिलाफ जनता की भावनाओं को भड़काना बंद कर देना चाहिए।
तरुण चुघ ने सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर किये एक पोस्ट में कहा, "महबूबा मुफ्ती धारा 370 पर सुप्रीम कोर्ट के दिये फैसले के खिलाफ भड़काना और राष्ट्र-विरोधी ताकतों के हाथों में खेलना बंद करें। उन्हें भ्रामक आख्यानों की बजाय भारतीय राष्ट्रवाद पर ध्यान देना चाहिए।"
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार भाजपा नेता चुघ ने कहा, "जम्मू-कश्मीर में पीएम नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी नीतियां एक महत्वपूर्ण मोड़ हैं। कश्मीर से आतंकवाद को खत्म करना, पर्यटन का मार्ग प्रशस्त करना और विकास को बढ़ावा देना पीएम मोदी का मिशन है। लोग गांधी परिवार के साथ जुड़े मुफ्तियों और अब्दुल्लाओं के भ्रामक बयानों को खारिज करते हैं। जम्मू-कश्मीर में स्थितियां अब बदल गई है।"
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बीते रविवार को केंद्र द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को बरकरार रखने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि यह फैसला "भगवान का फैसला नहीं है।"
मुफ्ती ने रविवार को कहा था, "हमें हिम्मत नहीं हारनी है। हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे। सुप्रीम कोर्ट का फैसला भगवान का फैसला नहीं है, हम उम्मीद नहीं खोएंगे और अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।"
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी पीडीपी जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिलाने के लिए अपना संघर्ष जारी रखेगी।
महबूबा ने कहा, "उसी सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा था कि संविधान सभा की सिफारिश के बिना अनुच्छेद 370 में संशोधन नहीं किया जा सकता है। वे भी विद्वान न्यायाधीश थे। आज कुछ अन्य न्यायाधीशों ने फैसला सुनाया। हम इसे भगवान का फैसला नहीं मान सकते।"
पूर्व सीएम ने कहा, "हमें उम्मीद नहीं खोनी है। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने कई वर्षों तक संघर्ष किया है, जिसमें हमें नुकसान हुआ है। वे चाहते हैं कि हम उम्मीद खो दें, हार स्वीकार कर लें और घर बैठ जाएं। लेकिन ऐसा नहीं होगा।"
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा और साथ में यह भी कहा कि किसी राज्य की ओर से केंद्र द्वारा लिए गए हर फैसले को कानूनी चुनौती नहीं दी जा सकती।