जम्मू-कश्मीर सरकार की 'यूनिक आईडी' योजना पर बोलीं महबूबा मुफ्ती- कश्मीरियों को गहरे शक की निगाह से देखा जाता है
By मनाली रस्तोगी | Published: December 12, 2022 12:21 PM2022-12-12T12:21:27+5:302022-12-12T12:24:38+5:30
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के निवासियों के लिए 'एक अद्वितीय परिवार आईडी' बनाना 2019 के बाद से बढ़ते विश्वास घाटे का प्रतीक है।
श्रीनगर: पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को केंद्र शासित प्रदेश के सभी परिवारों का एक प्रामाणिक, सत्यापित और विश्वसनीय डेटाबेस बनाने की जम्मू-कश्मीर प्रशासन की प्रस्तावित योजना के खिलाफ विपक्षी दलों द्वारा उठाई गई चिंताओं को दोहराया। मुफ्ती ने कहा कि सभी परिवारों के लिए अद्वितीय आईडी बनाने की योजना कश्मीर निवासियों के जीवन पर लोहे की पकड़ मजबूत करने की एक और निगरानी रणनीति है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कश्मीर के लोगों को गहरे संदेह की दृष्टि से देखा जाता है और प्रस्तावित योजना व्यापक विश्वास घाटे का प्रतीक है, विशेष रूप से 2019 के बाद, जिस वर्ष जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था।
इसी क्रम में महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करते हुए लिखा, "जम्मू-कश्मीर के निवासियों के लिए 'एक अद्वितीय परिवार आईडी' बनाना 2019 के बाद से बढ़ते विश्वास घाटे का प्रतीक है। कश्मीरियों को गहरे संदेह के साथ देखा जाता है और यह उनके जीवन पर लोहे की पकड़ को मजबूत करने के लिए एक और निगरानी रणनीति है।"
Creating ‘a unique family ID’ for J&K residents is emblematic of the widening trust deficit esp post 2019. Kashmiris are viewed with deep suspicion & this is another surveillance tactic to tighten the iron grip on their lives. https://t.co/BMeTXdP82s
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) December 12, 2022
रियासी जिले के कटरा में हाल ही में ई-गवर्नेंस पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन में इस योजना का अनावरण किया गया, जहां जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने डिजिटल जम्मू-कश्मीर विजन डॉक्यूमेंट जारी किया। प्रशासन ने कहा कि योजना के पीछे का उद्देश्य विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं के पात्र लाभार्थियों का आसान चयन था।
विजन डॉक्यूमेंट के अनुसार, "हर परिवार को एक अद्वितीय अल्फा-न्यूमेरिक कोड प्रदान किया जाएगा जिसे जेके फैमिली आईडी कहा जाएगा। परिवार डेटाबेस में उपलब्ध डेटा का उपयोग सामाजिक लाभ प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों के स्वत: चयन के माध्यम से पात्रता निर्धारित करने के लिए किया जाएगा। डेटाबेस राज्य में हर परिवार की पहचान करेगा और उनकी सहमति संग डिजिटल प्रारूप में परिवार का बुनियादी डेटा एकत्र करेगा।"