बीजेपी के सांसद ने हेमंत करकरे पर ट्वीट के बाद कहा, 'हैक हो गया था अकाउंट'
By विनीत कुमार | Published: April 20, 2019 09:21 AM2019-04-20T09:21:58+5:302019-04-20T09:21:58+5:30
ट्वीट पर विवाद बढ़ने के बाद राजेंद्र अपने बयान से पलट गये और कहा कि उन्होंने हेमंत करकरे से जुड़ा कोई ट्वीट किया ही नहीं था।
भोपाल से बीजेपी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा के मुंबई आतंकी हमले में शहीद हेमंत करकरे पर विवादित बयान के बाद बीजेपी के एक और सांसद चर्चा में आ गये हैं। मेरठ से मौजूदा बीजेपी सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने एक ट्वीट में हेमंत की शहादत को उन्हीं की गलती बता दी। हालांकि, ट्वीट पर विवाद बढ़ने के बाद राजेंद्र अपने बयान से पलट गये और कहा कि उन्होंने हेमंत करकरे से जुड़ा कोई ट्वीट किया ही नहीं था बल्कि किसी और ने उनके अकाउंट को हैक कर ऐसा किया।
दरअसल, राजेंद्र अग्रवाल के अकाउंट से ट्वीट हुआ, ''शहीद'' हेमंत करकरे ATS के ऐसे प्रमुख थे जो आतंकवादियों से मुकाबला करने के लिए बिना तैयारी के गए तथा जिनकी जीप आतंकवादियों ने छीन कर अपनी गतिविधियों में उसका उपयोग किया।'
इसके बाद राजेंद्र अग्रवाल ने पहला ट्वीट हटाकर दूसरा ट्वीट किया और लिखा, 'शहीद हेमंत करकरे से संबंधित ट्वीट मैंने नहीं डाला किसी ने मेरे ट्विटर हैंडल का दुरुपयोग किया है।'
इससे पहले साध्वी का भी शुक्रवार को हेमंत करकरे पर विवादित बयान सामने आया था। बाद में उन्होंने माफी मांग ली और कहा कि यह बीजेपी का नहीं बल्कि उनका निजी बयान था। साध्वी प्रज्ञा ने शुक्रवार शाम को खुले मंच से माफी मांगते हुए अपना बयान वापस ले लिया। भोपाल से 45 किलोमीटर दूर बैरसिया में मंच से साध्वी ने अपना विवादित बयान वापस लेते हुए इसके लिये क्षमा मांगी। साध्वी की सहयोगी उपमा ने फोन पर पीटीआई भाषा को साध्वी के बयान वापस लेने के सवाल पर उनके हवाले से कहा हां, 'उन्होंने (साध्वी प्रज्ञा) कहा, 'क्योंकि मैं (प्रज्ञा) किसी समय इमोशनल (भावुक) हो गयी थी। मैं (प्रज्ञा) रो रही थी। इसलिये मेरे (प्रज्ञा के) मुख से जो निकला, उसके लिये क्षमा मांगती हूं।'
साल 2008 में मालेगांव बम विस्फोट मामले में प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए कानून) के तहत मामला अदालत में विचाराधीन है। हालांकि, इस मामले में मकोका के तहत उन्हें क्लीन चिट मिल चुकी है। गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने मुंबई के कई स्थानों पर हमले किए थे। उसी दौरान करकरे और मुंबई पुलिस के कुछ अन्य अधिकारी शहीद हुए थे।