MCD standing committee: दिल्ली उच्च न्यायालय में आप को झटका, स्थायी समिति के दोबारा चुनाव पर रोक, महापौर शैली ओबेरॉय को दिया निर्देश
By सतीश कुमार सिंह | Published: February 25, 2023 05:44 PM2023-02-25T17:44:29+5:302023-02-25T17:45:37+5:30
MCD standing committee: भाजपा ने शनिवार को दावा किया कि एक दिन पहले तकनीकी विशेषज्ञ द्वारा की गई गणना के तहत एमसीडी की स्थायी समिति के लिए बीजेपी और आप के तीन-तीन सदस्यों का निर्वाचन होना चाहिए।
नई दिल्लीः स्थायी समिति के छह सदस्यों के चुनाव के लिए दिल्ली नगर निगम की महापौर शैली ओबेरॉय द्वारा जारी पुनर्निर्वाचन नोटिस पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने रोक लगाई है। एमसीडी स्थायी समिति पर कोर्ट ने आम आदमी पार्टी को झटका दिया है। कोर्ट ने एलजी, मेयर को नोटिस जारी किया है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि नियम कहीं भी नहीं दर्शाते हैं कि दिल्ली के महापौर के पास स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव को अमान्य घोषित करने का अधिकार है। उच्च न्यायालय ने कहा कि पहले हुए चुनाव के नतीजे घोषित किए बिना महापौर द्वारा दोबारा चुनाव की घोषणा करना, प्रथम दृष्टया नियमों का उल्लंघन प्रतीत होता है।
Delhi HC stays re-election notice issued by MCD Mayor Shelly Oberoi to elect six members of standing committee
— Press Trust of India (@PTI_News) February 25, 2023
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को दावा किया कि एक दिन पहले तकनीकी विशेषज्ञ द्वारा की गई गणना के तहत दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की स्थायी समिति के लिए भगवा पार्टी और आम आदमी पार्टी (आप) के तीन-तीन सदस्यों का निर्वाचन होना चाहिए और महापौर को परिणामों को स्वीकार कर उसकी घोषणा करनी चाहिए।
यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली प्रदेश भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेव ने आरोप लगाया कि छह सदस्यीय स्थायी समिति का दोबारा चुनाव कराने का महापौर शैली ओबरॉय का आह्वान ‘‘अलोकतांत्रिक और अंसवैधानिक’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा सदस्य सोमवार को सदन में जाएंगे।
हो सकता है कि महापौर हमारी मांग से सहमत हो जाएं, लेकिन हम अपनी मांगों को लेकर कानूनी विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं।’’ सचदेव ने यह संवाददाता सम्मेलन एमसीडी सदन में ओबरॉय द्वारा शुक्रवार को हल्ला गुल्ला के बीच स्थायी सदस्य के लिए हुए मतदान के दौरान एक मत को अमान्य करार दिया जिसके बाद भाजपा-आप पार्षदों के बीच धक्का मुक्की, मुक्का मारने की घटना हुई।
हंगामे की वजह से एमसीडी सदन की कार्यवाही 27 फरवरी के लिए स्थगित कर दी गई थी। हंगामे के दौरान पार्षद अशोक मनु गिर गए थे और उन्हें समीप के अस्पताल भर्ती कराना पड़ा था। महापौर ने कहा कि स्थायी सदस्य के लिए मतदान की प्रक्रिया दोबारा होगी क्योंकि शुक्रवार को ‘मतपत्रों’ और अन्य दस्तावेजों को फाड़ दिया गया था या वे खो गए हैं।
वरिष्ठ भाजपा नेता हर्षदीप मल्होत्रा और सचदेव ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान दस्तावेज दिखाए जिसके मुताबिक वरीयता मतदान के तहत आप और भाजपा के तीन-तीन सदस्य निर्वाचित हुए हैं। सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे दस्तावेजों पर कथित तौर पर ‘तकनीकी विशेषज्ञ’ ने हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि, 24 फरवरी के दस्तावेज की सत्यता को निकाय प्राधिकार ने प्रमाणित नहीं किया है।
मल्होत्रा ने कहा, ‘‘ तकनीकी विशेषज्ञ की इस रिपोर्ट के मुताबिक आप उम्मीदवार सारिका चौधरी को सबसे कम मत मूल्य प्राप्त हुए।’’ उन्होंने कहा कि महापौर को परिणाम घोषित करने चाहिए और आरोप लगाया कि वह एक मत को अमान्य करार देने पर अड़ी हुई हैं।
‘आप’ ने स्थायी समिति के लिए अमील मलिक (श्रीराम कॉलोनी वार्ड), रमिंदर कौर (फतेह नगर वार्ड), मोहिनी जायसवाल (सुंदर नगरी वार्ड) और सारिका चौधरी (दरियागंज वार्ड) को अपना उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने कमलजीत सहरावत (द्वारका बी वार्ड), पंकज लूथरा (झिलमिल वार्ड) को प्रत्याशी बनाया है।
निर्दलीय निर्वाचित और बाद में भाजपा में शामिल गजेंद्र सिंह दराल भी स्थायी समिति के दावेदार हैं। सचदेव ने दावा किया कि महापौर तकनीकी विशेषज्ञ द्वारा बताये गये ‘परिणाम को केवल घोषित’ कर सकती हैं। हालांकि, आप विधायक आतिशी ने शुक्रवार की घटना पर संवाददाताओं से कहा कि महापौर सदन की पीठासीन अधिकारी हैं और ‘उन्हें मत को आमन्य करार देने का अधिकार है’ और भाजपा सदस्य इससे असहमत हैं तो वे अदालत में चुनौती दे सकते हैं, लेकिन ‘उन्होंने हिंसा का सहारा लिया’।