मायावती का ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित करना अवसरवादी राजनीति का उदाहरण : अनिल राजभर

By भाषा | Published: July 18, 2021 05:27 PM2021-07-18T17:27:55+5:302021-07-18T17:27:55+5:30

Mayawati's organizing Brahmin conference is an example of opportunistic politics: Anil Rajbhar | मायावती का ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित करना अवसरवादी राजनीति का उदाहरण : अनिल राजभर

मायावती का ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित करना अवसरवादी राजनीति का उदाहरण : अनिल राजभर

बलिया (उप्र), 18 जुलाई उत्तर प्रदेश सरकार के दिव्यांग जन सशक्तिकरण मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता अनिल राजभर ने रविवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्‍यक्ष मायावती पर वातानुकूलित कमरे से ट्विटर व सोशल मीडिया पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ‘‘मायावती अपने राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही हैं और बसपा का ब्राह्मण समाज का सम्मेलन आयोजित करना अवसरवादी राजनीति का उदाहरण है।’’

दिव्यांग जन सशक्तिकरण मंत्री राजभर ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में बसपा मुखिया मायावती पर निशाना साधा। उन्होंने बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित करने से जुड़े सवाल के जबाब में दावा किया कि ब्राह्मण समाज बसपा को वर्ष 2022 में जबाब देगा।

बसपा प्रमुख मायावती ने रविवार को यहां मीडिया से बातचीत में कहा, ‘‘मुझे पूरा भरोसा है कि अब ब्राह्मण समाज के लोग भाजपा के किसी भी तरह के बहकावे में नहीं आएंगे और अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट नहीं देंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ब्राह्मण समाज को फिर से जागरूक करने के लिए बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र के नेतृत्व में 23 जुलाई को अयोध्या से एक अभियान शुरू किया जा रहा है और ब्राह्मणों को भरोसा दिया जाएगा कि बसपा शासन में ही उनका हित सुरक्षित है।''

मायावती पर पलटवार करते हुए राजभर ने कहा कि बसपा का ब्राह्मण समाज का सम्मेलन आयोजित करना अवसरवादी राजनीति का उदाहरण है। उन्होंने इसके साथ ही यह भी कहा कि बसपा को चुनाव के कारण ब्राह्मण याद आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ''बसपा मुखिया मायावती को न तो धरती की जानकारी है और न आसमान की। उन्हें जनता की समस्याओं पर कभी संघर्ष नहीं करना है और न किसानों पर कभी बात करनी है। दलितों की हालत देखने के लिए भी वह कभी नहीं निकलती। वह वातानुकूलित बंद कमरे से ट्विटर व सोशल मीडिया पर राजनीति करती हैं।''

उन्होंने सवाल किया कि क्या वह (मायावती) कभी सड़क पर उतरी हैं, सड़क पर उतरकर कभी कोई आंदोलन करते दिखाई दीं, वह इतिहास हो गई हैं तथा अब अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही हैं। राजभर ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा के आगामी चुनाव में साढ़े तीन सौ सीट पर जीत का दावा किया।

उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार बनने पर राज्य मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में किसानों का कर्जा वापस लिया जाता है तो सपा की सरकार बनने पर राज्य मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में आतंकवादियों के विरुद्ध मुकदमे वापस लिये जाते हैं। उन्होंने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को धोखेबाज करार देते हुए कहा कि राजभर महाराजा सुहेलदेव के नाम पर पार्टी बनाते हैं तथा जिन मूल्यों को लेकर महाराजा सुहेलदेव ने जीवनपर्यंत लड़ाई लड़ी, ओम प्रकाश राजभर उन मूल्यों को तिलांजलि दे देते हैं। उन्होंने दावा किया कि विधानसभा के आगामी चुनाव के बाद ओम प्रकाश राजभर का राजनीतिक अस्तित्व समाप्त हो जायेगा।

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