कांग्रेस और भाजपा को मायावती की नसीहत- एक दूसरे के प्रति द्वेष से देश का नहीं होगा भला
By मनाली रस्तोगी | Published: March 25, 2023 01:42 PM2023-03-25T13:42:03+5:302023-03-25T13:43:37+5:30
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने राहुल गांधी की लोकसभा से सदस्यता खत्म करने के मामले पर शनिवार को कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को नसीहत देते हुए कहा कि एक दूसरे के प्रति राजनीतिक द्वेष, नफ़रत आदि से देश का ना पहले भला हुआ है और न ही आगे होने वाला है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी को नसीहत। उन्होंने कहा कि एक दूसरे के प्रति राजनीतिक द्वेष, नफरत आदि से देश का ना पहले भला हुआ है और न ही आगे होने वाला है।
बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा, "पहले कांग्रेस व अब भाजपा सरकार द्वारा हर स्तर पर अधिकांश मामलों में घोर स्वार्थ की राजनीति करने के कारण ही गरीबी, बेरोजगारी व पिछड़ेपन आदि की गंभीर समस्याओं को दूर करने की व्यापक जनहित, जन कल्याण व देश हित के जरूरी काम पर पूरा पूरा ध्यान नहीं देना अति दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण।"
1. पहले कांग्रेस व अब BJP सरकार द्वारा हर स्तर पर अधिकांश मामलों में घोर स्वार्थ की राजनीति करने के कारण ही ग़रीबी, बेरोज़गारी व पिछड़ेपन आदि की गंभीर समस्याओं को दूर करने की व्यापक जनहित, जन कल्याण व देश हित के ज़रूरी काम पर पूरा पूरा ध्यान नहीं देना अति दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण।
— Mayawati (@Mayawati) March 25, 2023
अपने सिलसिलेवार ट्वीट में उन्होंने कहा, "इसी संदर्भ में कांग्रेस पार्टी को यह ज़रूर सोचना चाहिए कि सन 1975 में (लगाए गए आपातकाल के दौरान) जो कुछ हुआ वह क्या सही था और अब उनके नेता श्री राहुल गांधी के साथ जो कुछ हो रहा है वो भी कितना उचित?" उन्होंने इसी ट्वीट में कहा, "एक दूसरे के प्रति राजनीतिक द्वेष, नफरत आदि से देश का ना पहले भला हुआ है और न ही आगे होने वाला है।"
3. अतः यह स्पष्ट है कि देश की आज़ादी के बाद बीते 75 वर्षों में यहाँ रही विभिन्न सरकारें अगर संविधान की पवित्र मंशा तथा लोकतांत्रिक मर्यादाओं व परंपराओं के अनुसार ईमानदारी व निष्ठा के साथ काम करती होतीं तो भारत वास्तव में अग्रणी व आदर्श मानवतावादी विकसित देश बन गया होता होता।
— Mayawati (@Mayawati) March 25, 2023
मायावती ने कहा, "अतः यह स्पष्ट है कि देश की आजादी के बाद बीते 75 वर्षों में यहां रही विभिन्न सरकारें अगर संविधान की पवित्र मंशा तथा लोकतांत्रिक मर्यादाओं व परंपराओं के अनुसार ईमानदारी व निष्ठा के साथ काम करती होतीं तो भारत वास्तव में अग्रणी व आदर्श मानवतावादी विकसित देश बन गया होता।"
उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने "मोदी उपनाम" संबंधी टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें गुरुवार को दो साल कारावास की सजा सुनाई। सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया गया।