उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर करारा हमला बोला है। उन्होंने गुरुवार (10 अक्टूबर) को ट्वीट कर प्रदेश सरकार में जंगलराज और फर्जी एनकाउंटर होना बताया है। साथ ही साथ राजधानी लखनऊ में हो रहे अपराध पर चिंता जताई है।
मायावती ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'यूपी की राजधानी लखनऊ में जब खुलेआम अपराध जारी है तो फिर अन्य जिलों की भी दयनीय स्थिति समझी जा सकती है। फर्जी एनकाउंटर को लेकर भी जनता में काफी रोष व बेचैनी है और वे आवाज उठा रहे हैं। स्पष्ट है कि यूपी में कानून का नहीं बल्कि अपराधियों का जंगलराज चल रहा है। सरकार तुरन्त ध्यान दे।'
समाजवादी पार्टी ने कहा था कि पुष्पेंद्र यादव का ज़बरन अंतिम संस्कार कर बीजेपी सरकार ने साबित कर दिया है कि हत्या के आरोपियों को बचाने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकती है। झांसी पुलिस ने दावा किया था कि उसने पांच और छह अक्टूबर की रात कथित रूप से बालू खनन में शामिल पुष्पेंद्र यादव को जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर गुरसराय इलाके में मुठभेड़ में मार गिराया।
पुलिस ने दावा किया था कि मुठभेड़ से कुछ घंटे पहले पुष्पेंद्र ने कानपुर झांसी राजमार्ग पर मोठ के थानाध्यक्ष धर्मेंन्द्र सिंह चौहान पर गोली चलाई थी। झांसी के पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह ने बताया था कि पुष्पेंद्र यादव अवैध रूप से खनन कार्य में शामिल था और 29 सितंबर को थानाध्यक्ष द्वारा उसके कुछ ट्रक जब्त किये जाने के बाद उनसे उसकी कहासुनी भी हुई थी।
पुलिस के अनुसार, पुष्पेंद्र समेत तीन मोटरसाइकिल सवारों ने शनिवार रात को थानाध्यक्ष धर्मेंद्र और उसके सहयोगी को कानपुर झांसी राजमार्ग पर रोका। पुष्पेंद्र ने धर्मेंद्र पर गोली चलाई और उसकी कार लेकर चला गया। बाद में सुबह करीब तीन बजे गोरठा के पास पुलिस ने तीन लोगों को धर्मेंद्र की कार के साथ पकड़ा और इसी बीच हुई मुठभेड़ में पुष्पेंद्र मारा गया। रविवार को पुष्पेंद्र यादव, विपिन और रविंद्र के खिलाफ मोठ और गुरसराय पुलिस थाने में दो अलग अलग प्राथमिकी दर्ज की गयी। (समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के आधार पर)