लखनऊः बसपा प्रमुख मायावती ने दावा किया कि यूपी सरकार द्वारा प्राइवेट मदरसों के सर्वे का काम पूरा हो चुका है और 75 हजार से अधिक गैरमान्यता प्राप्त मदरसे गरीब बच्चों को तालीम देने में लगे हैं। सर्वे को लेकर मायावती ने उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये गैरसरकारी मदरसे सरकार पर बोझ नहीं बनना चाहते तो फिर इनमें दखल क्यों?
बुधवार मायावती ने ट्वीट किया- विशेष टीम गठित करके लोगों के चन्दों पर आश्रित प्राइवेट मदरसों के बहुचर्चित सर्वे का काम पूरा, जिसके अनुसार 7,500 से अधिक ’गैर-मान्यता प्राप्त’ मदरसे गरीब बच्चों को तालीम देने में लगे हैं। ये गैरसरकारी मदरसे सरकार पर बोझ नहीं बनना चाहते तो फिर इनमें दखल क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ने 31 अगस्त को घोषणा किया था कि वह राज्य की गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराएगी और वहां के शिक्षकों, पाठ्यक्रम, एनजीओ के साथ उनके संबंध और मौलिक सुविधाओं की मौजूदगी सहित अन्य चीजों पर सूचना एकत्र करेगी।
मायावती का कहना है कि ऐसे सर्वे सरकारी मदरसों के शिक्षक और स्टाफ के वेतन आदि के लिए बजट प्रावधान के लिए कराए जाते हैं। तो क्या यूपी सरकार इन निजी मदरसों को सरकारी अनुदान सूची में शामिल करके सरकारी बनाएगी।
मायावती ने ट्वीट में आगे लिखा- जबकि सरकारी मदरसा बोर्ड के मदरसों के टीचर व स्टाफ के वेतन आदि के लिए बजट प्रावधान हेतु खास तौर से सर्वे कराया जाता है, तो क्या यूपी सरकार इन प्राइवेट मदरसों को अनुदान सूची में शामिल करके उन्हें सरकारी मदरसा बनाएगी? मायावती ने कहा कि बीएसपी सरकार ने 100 मदरसों को यूपी बोर्ड में शामिल किया था।
इससे पहले बसपा के सांसद कुंवर दानिश अली ने आरोप लगाते हुए कहा था कि मदरसों पर उत्तर प्रदेश सरकार की नीति उनके शिक्षकों के लिए दोधारी तलवार साबित हो रही है क्योंकि वह कोई मानदेय नहीं दे रही है और गैर-मान्यता प्राप्त इस्लामिक संस्थाओं में डर पैदा कर रही है।