एनआरसी मसौदे के विरोध में मटुआ महासंघ ने रेल यातायात बाधित किया
By भाषा | Updated: August 1, 2018 12:42 IST2018-08-01T12:42:04+5:302018-08-01T12:42:04+5:30
राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के कारण लाखों लोगों के बेघर होने का दावा करते हुए पिछड़े वर्ग के संगठन ऑल इंडिया मटुआ महासंघ ने आज विरोधस्वरूप सियादह रेलवे स्टेशन पर आज रेल यातायात बाधित किया है।

एनआरसी मसौदे के विरोध में मटुआ महासंघ ने रेल यातायात बाधित किया
कोलकाता, 1 अगस्त: राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के कारण लाखों लोगों के बेघर होने का दावा करते हुए पिछड़े वर्ग के संगठन ऑल इंडिया मटुआ महासंघ ने आज विरोधस्वरूप सियादह रेलवे स्टेशन पर आज रेल यातायात बाधित किया है।
असम में एनआरसी में करीब 40 लाख लोगों को जगह नहीं मिलने के विरोध में ऑल इंडिया मटुआ महासंघ ने आज रेल रोको प्रदर्शन का आयोजन किया है। पूर्वी रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि सियालदह उत्तर स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने सुबह साढ़े आठ बजे ट्रेन रोक दी। इससे सियालदह-हसनाबाद, सियालदह-नैहाटी मार्ग पर रेल यातायात प्रभावित हुआ।
प्रवक्ता आर. एन. महापात्र ने बताया, रेलवे से असंबंधित मुद्दे को लेकर आयोजित ‘रेल रोको’ के कारण ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। हम प्रदर्शनकारियों से अवरोध समाप्त करने का अनुरोध कर रहे हैं, उन्हें समझाने का भी प्रयास कर रहे हैं। ठाकुरनगर, संदालिया, पाल्टा और कुछ अन्य स्टेशनों पर भी अवरोधक लगे होने की भी सूचना है।
गौरबतल है कि असम में रविवार को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) ने पहला ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इसमें कुल 3.29 करोड़ लोगों ने आवेदन किए थे, जिनमें 1.9 करोड़ को ही वैध नागरिक माना गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह जानकारी रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया शैलेष ने दी, जहां उन्होंने पहले ड्राफ्ट की कॉपी भी दिखाई। सिर्फ 1.9 करोड़ लोगों के नाम होने से असम में तनाव बढ़ गया है।
शैलेष ने बताया, 'यह ड्राफ्ट एक हिस्सा है, जिसमें अब तक 1.9 करोड़ लोगों के नाम पर मुहर लगाई गई है। बाकी नामों को लेकर अभी वेरिफिकेशन की जा रही है। एनआरसी के स्टेट कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने कहा कि जिन लोगों के नाम पहले ड्राफ्ट में छूट गए हैं, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, 'यह एक मुश्किल प्रक्रिया है। इसलिए ऐसा भी हो सकता है कि एक ही परिवार के कुछ पहले ड्राफ्ट से गायब हों। मगर, इसमें घबराने की कोई जरूरत नहीं है।'