मातोश्री हनुमान चालीसा विवादः जेल से रिहा होने के बाद लीलावती अस्पताल में पत्नी नवनीत से मिले विधायक रवि राणा, जानें पूरा मामला
By सतीश कुमार सिंह | Published: May 5, 2022 06:51 PM2022-05-05T18:51:59+5:302022-05-05T18:53:21+5:30
मातोश्री हनुमान चालीसा विवादः निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा बृहस्पतिवार को मुंबई की जेल से रिहा हो गए।
मुंबईः मातोश्री हनुमान चालीसा विवाद में जमानत पर रिहा हुए विधायक रवि राणा ने मुंबई के लीलावती अस्पताल में अपनी पत्नी और सांसद नवनीत राणा से मुलाकात की। राजद्रोह के कथित मामले में गिरफ्तारी के एक सप्ताह से अधिक समय बाद राणा दंपति को एक अदालत ने बुधवार को जमानत दी थी।
बुधवार को जमानत मिलने के बाद जरूरी दस्तावेज समय पर उस जेल तक नहीं पहुंचाया जा सका जहां उन्हें रखा गया था। एक अधिकारी ने बताया कि बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के अमरावती से लोकसभा सदस्य नवनीत राणा दक्षिण मुंबई की भायखला महिला जेल से दोपहर करीब दो बजे बाहर निकलीं।
MLA Ravi Rana, who has been granted bail in connection with Matoshree Hanuman Chalisa row, met his wife and MP Navneet Rana at Lilavati Hospital, Mumbai. pic.twitter.com/rQWcxJrhSL
— ANI (@ANI) May 5, 2022
जेल से रिहा होने के बाद वह पुलिस की सुरक्षा में उपनगरीय बांद्रा के लिए रवाना हो गईं। अधिकारी ने कहा कि बीमारी के इलाज के लिए नवनीत को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सांसद के पति और अमरावती के बडनेरा से विधायक रवि राणा को भी शाम करीब चार बजे नवी मुंबई की तलोजा जेल से रिहा कर दिया गया।
अधिकारी ने बताया कि जेल की जमानत पेटी अपराह्न साढ़े तीन बजे खुली जिसके बाद उनकी रिहाई की औपचारिकताएं पूरी की गईं। उन्होंने कहा कि तलोजा जेल के बाहर भारी सुरक्षा तैनात की गई। राणा दंपति को 23 अप्रैल को खार पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124 (ए) (राजद्रोह) और 153 (ए) (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत गिरफ्तार किया था।
दंपति ने घोषणा की थी कि वे यहां महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। उनकी घोषणा के बाद ठाकरे की पार्टी शिवसेना के कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए, जिससे तनाव पैदा हो गया।
बाद में राणा दंपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगले दिन शहर के दौरे का हवाला देते हुए अपनी योजना से पीछे हटने की घोषणा की। हालांकि, पुलिस ने राणा दंपति पर राजद्रोह और ‘विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने’ सहित अन्य आरोपों के लिए मामला दर्ज किया। सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालत ने राणा दंपति को विभिन्न शर्तों के साथ जमानत दे दी।
(इनपुट एजेंसी)