मथुरा हिंसाः वकील ने कहा-डीएनए रिपोर्ट नहीं मिलने की स्थिति में रामवृक्ष यादव को जीवित माना जाए
By भाषा | Published: August 5, 2021 08:46 PM2021-08-05T20:46:25+5:302021-08-05T20:46:25+5:30
मथुरा (उप्र), पांच अगस्त वर्ष 2016 में यहां पुलिस के साथ अपने समर्थकों के संघर्ष के दौरान मारे गये एक समूह के नेता रामवृक्ष यादव के वकील ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें (रामवृक्ष यादव) जीवित समझा जाना चाहिए क्योंकि प्रशासन ने उनकी मौत की पुष्टि करने वाली कोई डीएनए जांच रिपोर्ट नहीं दी है।
दरअसल जून, 2016 में जब पुलिस यादव के अनुयायियों को हटाने गयी थी तब दोनों पक्षों के बीच खूनी संघर्ष हो गया था और दो पुलिस अधिकारियों समेत कम से कम 29 लोग मारे गये थे । घटनास्थल परिसर से भारी मात्रा में हथियार बरामद किये गये थे।
हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा था कि मारे गये लागों में यादव भी था और शव की पहचान उसके सहयोगियों एवं परिवार ने की थी।
यादव और उसके समर्थक करीब ढाई साल से उत्तर प्रदेश के मथुरा के जवाहर बाग में अवैध बस्तियां बसाने में लगे थे।
यहां यादव के वकील लक्ष्मीकांत गौतम ने कहा, ‘‘ चूंकि वैज्ञानिक जांच (डीएनए जांच) की रिपोर्ट अबतक अदालत में नहीं सौंपी गयी है इसलिए यह माना जाना चाहिए कि वह अब भी जीवित हैं।’’
उन्होंन कहा कि वह अदालत से इस मामले की जांच कर रही सीबीआई को डीएनए जांच रिपोर्ट शीघ्र सौंपने का निर्देश देने का अनुरोध करेंगे।
वकील ने कहा कि चार साल बाद भी आरोपपत्र दाखिल करने में सीबीआई की विफलता संदेह पैदा करती है।
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