शहीद की बेटी को दाखिला से इनकार, 15 दिन से स्कूल के चक्कर काट रही हूं, पत्नी का आरोप

By भाषा | Updated: January 29, 2020 15:31 IST2020-01-29T15:31:09+5:302020-01-29T15:31:09+5:30

मामले को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा अधिकारी प्रशांत दिग्रास्कर ने यहां बुधवार को पत्रकारों को कहा कि वे तथ्यों की जांच करेंगे और जरूरत पड़ने पर स्कूल की मान्यता रद्द करने की सिफारिश करेंगे। शीतल कदम के पति नवंबर 2016 में जम्मू जिले के नगरोटा सेक्टर में एक अभियान में शहीद हो गए थे।

Martyr's daughter denied admission, I have been traveling to school for 15 days, wife accused | शहीद की बेटी को दाखिला से इनकार, 15 दिन से स्कूल के चक्कर काट रही हूं, पत्नी का आरोप

व्यथित महिला ने दावा किया कि जब उन्होंने स्कूल के कर्मी से संपर्क किया तो उन्होंने उनका अपमान भी किया।

Highlightsकदम ने कहा कि स्कूल ने कक्षा एक में उनकी बेटी तेजस्विनी को दाखिला देने से इनकार कर दिया।उन्होंने दावा किया, ‘‘मैं पिछले 15 दिन से स्कूल के चक्कर काट रही हूं।

महाराष्ट्र में एक शहीद की पत्नी ने दावा किया है कि नांदेड़ के एक स्कूल ने जिला सैनिक कल्याण कार्यालय से पत्र मिलने के बावजूद उनकी बेटी को स्कूल में दाखिला देने से इनकार कर दिया है।

मामले को गंभीरता से लेते हुए शिक्षा अधिकारी प्रशांत दिग्रास्कर ने यहां बुधवार को पत्रकारों को कहा कि वे तथ्यों की जांच करेंगे और जरूरत पड़ने पर स्कूल की मान्यता रद्द करने की सिफारिश करेंगे। शीतल कदम के पति नवंबर 2016 में जम्मू जिले के नगरोटा सेक्टर में एक अभियान में शहीद हो गए थे।

कदम ने कहा कि स्कूल ने कक्षा एक में उनकी बेटी तेजस्विनी को दाखिला देने से इनकार कर दिया। उन्होंने दावा किया, ‘‘मैं पिछले 15 दिन से स्कूल के चक्कर काट रही हूं। लेकिन उन्होंने मेरी बेटी को दाखिला देने से इनकार कर दिया जबकि मैं स्कूल फी भरने को तैयार हूं और मेरे पास सैनिक कल्याण कार्यालय से पत्र भी है।’’

व्यथित महिला ने दावा किया कि जब उन्होंने स्कूल के कर्मी से संपर्क किया तो उन्होंने उनका अपमान भी किया। सैनिक कल्याण कार्यालय में अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने स्कूल के साथ साथ जिला परिषद के शिक्षा विभाग को भी पत्र जारी किया है और उनसे शहीद के बच्चे को दाखिला देने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर यह पता चलता है कि उन्होंने हमारे पत्र को नजरअंदाज किया है तो हमलोग स्कूल के अधिकारियों को तलब करेंगे।’’ कदम ने दावा किया कि पत्र को स्कूल के काउंटर पर खारिज कर दिया गया। सरकारी संकल्प (जीआर) का हवाला देते हुए नांदेड़ जिला परिषद शिक्षा अधिकारी ने कहा कि स्कूल शहीदों के बच्चों को दाखिला देने से इनकार नहीं कर सकते हैं।

संपर्क किए जाने पर बुधवार को स्कूल के अधिकारियों ने पत्रकारों से बात करने से इनकार कर दिया। इस बीच नांदेड़ के पालक मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि वह मामले पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने बताया, ‘‘मुझे तेजस्विनी कदम के दाखिला मुद्दे के बारे में पता चला। अब नागार्जुन पब्लिक स्कूल उन्हें दाखिला देने के लिए सामने आया है। मैं दाखिला नियमों और कथित स्कूल के रुख की जांच कर रहा हूं, जिसके अनुरूप हमलोग कार्रवाई करेंगे।’’ 

Web Title: Martyr's daughter denied admission, I have been traveling to school for 15 days, wife accused

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