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कोरोना संकटः पूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने दोहा ट्वीट कर कहा, जरूर हारी करौना, न है अब कौनो देर, वैक्सीन पर भी कही ये बात

By रामदीप मिश्रा | Updated: July 24, 2020 09:22 IST

देश में कोरोना संक्रमण के 12 लाख, 38 हजार, 635 मामले हो गए हैं। कोरोना से अबतक 7 लाख, 82 हजार, 606 मरीज ठीक हो चुके हैं और वर्तमान में 3,56,439 संक्रमित मरीज हैं।

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ठळक मुद्देपूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने दोहा के जरिए उम्मीद जताई है कि कोरोना जरूर हारेगा। उन्होंने संदेश दिया है कि कोरोना काल में किसी से भी दोस्ती व बैर नहीं रखना है। 

नई दिल्लीः कोरोना वायरस कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले कई महीनों से इस घातक वायरस पर काबू पाने प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही साथ वैक्सीन बनाने की लगातार कोशिशें जारी है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने दोहा के जरिए उम्मीद जताई है कि कोरोना जरूर हारेगा और इस बीच किसी से भी दोस्ती व बैर नहीं रखना है। 

मार्कंडेय काटजू ने ट्वीट करते करते हुए लिखा, 'रहिमन वैक्सिनिया ढूंढ़ा, बिन वैक्सीन सब सून। वैक्सीनै बिना बीत गवा अप्रैल, मई और जून।' यही दोहा 21 जुलाई को अभिनेता व बीजेपी नेता परेश रावल ने ट्वीट किया था। 

एक अन्य ट्वीट में मार्कंडेय काटजू ने लिखा, 'जरूर हारी करौना, न है अब कौनो देर, तब तक न केहू से दोस्ती, न केहू से बैर।' दरअसल, देश में कोरोना संक्रमण के 12 लाख, 38 हजार, 635 मामले हो गए हैं। कोरोना से अबतक 7 लाख, 82 हजार, 606 मरीज ठीक हो चुके हैं और वर्तमान में 3,56,439 संक्रमित मरीज हैं। इस तरह संक्रमण से ठीक होने की दर अब 63.18 प्रतिशत हो गयी है। वहीं, कोविड-19 से होने वाली मौतों की संख्या 29,861 हो गई है।  इस बीच, कोविड-19 की जांच की संख्या भी डेढ़ करोड़ से ज्यादा हो चुकी है । 

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को 3,50,823 नमूनों की जांच होने के साथ 22 जुलाई तक कुल 1,50,75,369 नमूनों की जांच हो चुकी है। बुधवार तक तीन दिनों में 10 लाख नमूनों की जांच की गयी। जांच की क्षमता बढ़कर रोजाना चार लाख जांच की हो गयी है। देश में 1290 प्रयोगशाला में जांच हो रही है। इसमें 897 सरकारी और 393 निजी प्रयोगशाला हैं। 

प्रयोगशाला के नेटवर्क का किया गया विस्तार

कोविड-19 की जांच के लिए फरवरी में 13 प्रयोगशाला थीं। अब करीब 1300 प्रयोगशाला हो गई हैं। प्रयोगशाला के नेटवर्क का विस्तार किया गया। आर-टी पीसीआर, सीबीएनएएटी, ट्रूनेट और रैपिट एंटीजन विधि के जरिए जांच का विस्तार किया गया है। जिला स्तर पर भी जांच की पहुंच बढ़ाने का प्रयास चल रहा है। जांच बढ़ाने के लिए आईसीएमआर का प्रयास जारी है। 

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