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मराठा समुदाय आरक्षणः मनोज जरांगे और छगन भुजबल में ठनी?, जरांगे ने कहा-1881 से ही आरक्षण का हकदार, कुछ लोग बढ़ने नहीं दिया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 5, 2025 19:03 IST

Maratha community reservation: मराठा समुदाय 1881 से ही आरक्षण का पात्र है (हैदराबाद गजट का हवाला देते हुए)। हमारे पूर्वज प्रगतिशील थे, इसलिए उन्होंने इसका लाभ नहीं उठाया।

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ठळक मुद्दे छगन भुजबल पर अपने समूह के अन्य लोगों को आगे नहीं बढ़ने देने का भी आरोप लगाया। हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करना होगा। कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करने के वास्ते एक समिति गठित करने की घोषणा की थी।

छत्रपति संभाजीनगरः सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने शुक्रवार को कहा कि मराठा समुदाय 1881 से ही आरक्षण का हकदार था लेकिन इस समुदाय ने पहले यह मांग नहीं की क्योंकि यह एक प्रगतिशील समूह था किंतु अब उसे अपनी पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए आरक्षण की जरूरत है। छत्रपति संभाजीनगर के एक अस्पताल में पत्रकारों से बातचीत में जरांगे ने यह बात कही। मुंबई में पांच दिवसीय भूख हड़ताल समाप्त करने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने महाराष्ट्र के मंत्री और प्रमुख ओबीसी नेता छगन भुजबल पर अपने समूह के अन्य लोगों को आगे नहीं बढ़ने देने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘ मराठा समुदाय 1881 से ही आरक्षण का पात्र है (हैदराबाद गजट का हवाला देते हुए)। हमारे पूर्वज प्रगतिशील थे, इसलिए उन्होंने इसका लाभ नहीं उठाया।

लेकिन हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करना होगा। इसलिए आरक्षण हमारे लिए जरूरी बन गया है।’’ जरांगे ने मंगलवार को दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में अपना अनशन समाप्त कर दिया था क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने मराठों को उनकी कुनबी विरासत के ऐतिहासिक साक्ष्य पेश करने पर कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करने के वास्ते एक समिति गठित करने की घोषणा की थी।

राज्य सरकार ने एक सरकारी आदेश (जीआर) जारी किया, जिसमें हैदराबाद गजट के कार्यान्वयन का उल्लेख किया गया है। जरांगे ने दावा किया, ‘‘ कई लोग अचानक ‘विशेषज्ञ’ बन गए हैं और जीआर की आलोचना कर रहे हैं। हालांकि वे हमारे समुदाय से हैं और मराठों के लिए सहानुभूति रखते हैं। जीआर के मसौदे में जो भी मुझे गलत लगा, मैंने उसे वहीं (मुंबई में) बदलवा दिया।’’

कार्यकर्ता ने यह भी दावा किया कि आज़ाद मैदान में विरोध प्रदर्शन के दौरान मराठा समुदाय के सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मंत्री प्रताप सरनाईक और उदय सामंत इस पर काम कर रहे हैं।’’ जरांगे ने यह भी आरोप लगाया कि भुजबल ने सिर्फ़ "अपनी छवि बचाने" के लिए दूसरे ओबीसी नेताओं को आगे बढ़ने नहीं दिया।

मराठा कार्यकर्ता ने दावा किया, ‘‘ वह दूसरे ओबीसी नेताओं का शोषण करते हैं और उन्हें दरकिनार कर देते हैं। जब तक वह बने रहेंगे, किसी (ओबीसी) को उभरने नहीं देंगे।’’ उन्होंने कहा कि बंजारा समुदाय ने गजट के आधार पर अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी के तहत आरक्षण की मांग की है और ‘‘अगर उनकी मांग जायज़ है, तो उन्हें आरक्षण मिलना ही चाहिए। गरीबों का शोषण नहीं होना चाहिए।’’ 

टॅग्स :मराठा आरक्षण आंदोलनमहाराष्ट्रछगन भुजबल
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