'रोहिणी अदालत गाोलीकांड में पुलिस अगर त्वरित कार्रवाई नहीं करती तो कई लोगों की जान जाती'

By भाषा | Updated: September 25, 2021 21:21 IST2021-09-25T21:21:22+5:302021-09-25T21:21:22+5:30

'Many people would have died if the police had not acted swiftly in the Rohini court shooting' | 'रोहिणी अदालत गाोलीकांड में पुलिस अगर त्वरित कार्रवाई नहीं करती तो कई लोगों की जान जाती'

'रोहिणी अदालत गाोलीकांड में पुलिस अगर त्वरित कार्रवाई नहीं करती तो कई लोगों की जान जाती'

नयी दिल्ली, 25 सितंबर दिल्ली स्थित रोहिणी की अदालत में शुक्रवार को हुए गोलीकांड के दौरान अगर पुलिस दो हथियाबंद हमलावरों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई नहीं करती तो, कई निर्दोष लोगों की जान जा सकती थी। यह दावा पुलिस की जवाबी कार्रवाई टीम में शामिल उपनिरीक्षक वीर सिंह ने अपने बयान में किया है। इस गोलीकांड में गैंगस्टर जितेंद्र गोगी सहित तीन लोगों की मौत हुई थी।

मामले में दर्ज प्राथमिकी में सिंह ने बताया कि चूंकि दोनों हमलवार हथियारों से लैस थे और अंधाधुंध गोलीबारी कर रहे थे, ऐसे में पुलिस के लिए संभव नहीं था कि वो उन्हें ‘पकड़े’, खासतौर पर तब जब न्यायाधीश, अदालत कर्मी और अधिवक्ता अदालत कक्ष में उपस्थित थे और कोई भी मारा जा सकता था।

अधिकारियों ने बताया कि जेल में कैद गैंगस्टर गोगी और वकीलों की वेशभूषा में आए दो हमलावर शुक्रवार को लोगों से भरी रोहिणी की अदालत के कक्ष में नाटकीय गोलीकांड में मारे गए और पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गोली चलाई। घटना के सामने आये वीडियो में सुरक्षा प्रणाली की खामियों का पता चलता है, इसमें दिखता है कि पुलिसकर्मी और वकील अफरा-तफरी के माहौल में बाहर निकल रहे हैं और अदालत कक्ष संख्या 207 के भीतर व बाहर गोली चल रही है।

उप निरीक्षक सिंह दिल्ली सशस्त्र पुलिस की तीसरी बटालियन में तैनात हैं और उस टीम का हिस्सा थे जो खतरनाक विचाराधीन कैदी गोगी को तिहाड़ जेल से रोहिणी की अदालत में शु्क्रवार को पेशी के लिए लाई थी।

पुलिस ने बताया कि उनके साथ विशेष शाखा की खुफिया इकाई के जवान भी मौजूद थे। गोगी को शुक्रवार दोपहर बाद अदालत कक्ष संख्या 207 में लाया गया।

प्राथमिकी के मुताबिक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गगनदीप सिंह अदालती प्रक्रिया में व्यस्त थे,उनके अलावा अदालत के कर्मी और पांच-छह वकील अदालत कक्ष में मौजूद थे। अचानक वकील की वेशभूषा में बैठे दो लोग उठे और अपनी पिस्तौल निकाल ली। उन्होंने गोगी पर अंधाधुंध गोलीबारी की। इस बीच, पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की। हमले में गोगी को गोलियां लगी।

प्राथमिकी में कहा गया कि सभी की सुरक्षा और संरक्षा को ध्यान में रखते हुए सिंह और उनके कमांडो- कांस्टेबल शक्ति और चिराग- ने अपने-अपने हथियारों से दोनों हमलावरों पर जवाबी गोलीबारी की। तुरंत पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ और रोहिणी के स्पेशल स्टाफ ने भी जवाबी गोली चलाई।

पुलिस के संयुक्त आयुक्त (उत्तरी क्षेत्र) को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। वहीं, मामले की जांच अपराध शाखा कर रही है।

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