"किसान आंदोलन की आड़ में कई लोग अराजकता फैला सकते हैं, लोग सावधान रहें", केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने समाधान के तरीकों पर बात करते हुए कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 13, 2024 02:48 PM2024-02-13T14:48:38+5:302024-02-13T14:53:06+5:30
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने इस की प्रतिबद्धता जताई कि केंद्र सरकार किसानों के कल्याण की रक्षा के लिए सदैव तैयार है।
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने मंगलवार को इस की प्रतिबद्धता जताई कि केंद्र सरकार किसानों के कल्याण की रक्षा के लिए सदैव तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों से संबंधित सभी मुद्दों को बेहद गंभीरता से देख रही है और सरकार समाधान खोजने के तरीकों पर लगातार काम कर रही है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार केंद्रीय मंत्री मुंडा ने 'दिल्ली चलो' मार्च के जवाब में कहा कि लोग किसान आंदोलन की आड़ में अराजकता फैलाकर माहौल खराब करने वालों से सावधान रहें।
उन्होंने कहा, "सरकार को जानकारी मिल रही है कि कई लोग माहौल को प्रदूषित करने की कोशिश कर सकते हैं। इसलिए मैं किसानों से आग्रह करता हूं कि वे ऐसे तत्वों से सावधान रहें। भारत सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। कुछ मामलों पर सहमति बनी है। हमारे और किसान नेताओं के बीच कई मुद्दों पर बातचीत के रास्ते खुले हुए हैं और हम लगातार समाधान खोजने के तरीकों पर काम कर रहे हैं।"
केंद्रीय मंत्री ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की सिफारिश के अनुसार सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी वाला कानून बनाने की मांग के बारे में पूछे जाने पर कहा कि सरकार ऐसे कई मामलों पर सहमत है।
उन्होंने कहा, ''ऐसे कई मामलों पर सरकार सहमत है और चर्चा भी आगे बढ़नी थी, लेकिन कुछ मुद्दों को लेकर मुझे लगता है कि ऐसे भी लोग वार्ता में हैं, जो समाधान के बजाय समस्या को बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन मैं किसानों से अनुरोध करूंगा उन लोगों से सावधान रहने की जरूरत है जो पूरे माहौल को खराब बनाना चाहते हैं।”
मालूम हो कि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा किसान नेताओं के साथ बातचीत करने वाले मोदी सरकार के मंत्रियों की टीम का हिस्सा हैं, जिसमें खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल, गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय और पंजाब के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल शामिल हैं।
इस बीच पंजाब-हरियाणा शंभू सीमा पर मंगलवार को बेहद अराजक दृश्य देखने को मिला, जब दिल्ली की ओर मार्च कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ने का प्रयास किया। शंभू सीमा पार करने की कोशिश करते समय किसानों को अपने ट्रैक्टरों के साथ सीमेंट बैरिकेड को हटाने का प्रयास करते देखा गया।
पुलिस ने पंजाब-हरियाणा शंभू सीमा पर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस छोड़ना पड़ा क्योंकि उन्होंने सुरक्षा बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश की। किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च के मद्देनजर पुलिस ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में कंक्रीट स्लैब, लोहे की कीलें, बैरिकेड्स, कंटीले तार, पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया है।
इससे पहले दिन में, पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि बैठक में सरकार के साथ टकराव से बचने के लिए समाधान खोजने के सभी प्रयास किए गए और उन्हें सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है।
किसानों ने केंद्र सरकार के सामने 12 मांगें रखी हैं, जिन्हें लेकर वे दिल्ली कूच कर रहे हैं। इस बार के विरोध प्रदर्शन का आह्वान संयुक्त किसान मोर्चा और पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति ने किया है, जिसका नेतृत्व किसान यूनियन नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारी किसानों के अनुसार केंद्र ने उन्हें फसल की बेहतर कीमत का वादा किया जिसके बाद उन्होंने 2021 का विरोध समाप्त कर दिया। वे स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी वाला कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा किसान नेता पूर्ण कर्ज माफी और किसानों के साथ खेतीहर मजदूरों को पेंशन प्रदान करने की योजना की भी मांग कर रहे हैं।