मनसुख हिरेन की संदिग्ध मौतः सचिन वाजे के खिलाफ एटीएस जल्द ही मामला दर्ज करेगा?
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: March 14, 2021 14:06 IST2021-03-14T13:59:53+5:302021-03-14T14:06:17+5:30
महाराष्ट्र की एक अदालत द्वारा मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे को अंतरिम जमानत देने से इनकार करने के बाद विपक्षी भाजपा ने वाजे को पुलिस बल से निलंबित करने की मांग की.

मनसुख हिरेन की संदिग्ध मौत में सचिन वाजे शामिल थे. (file photo)
मुंबई: आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) इस नतीजे पर पहुंचा है कि मनसुख हिरेन की संदिग्ध मौत में सचिन वाजे शामिल थे.
समझा जा रहा है कि अब उनके खिलाफ जल्द ही मामला दर्ज किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक वाजे से की गई जांच की रिपोर्ट पुलिस दल के आला अधिकारियों को सौंप दी गई है और उनकी अनुमति के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
वाजे-हिरेन पहले से ही संपर्क में मनसुख हिरेन पुलिस के मुखबिर के तौर पर भी जाना जाता था. एटीएस जांच में खुलासा हुआ है कि वाजे से उसकी खासी दोस्ती थी. वह वाजे के वाहन का इस्तेमाल करता था. सूत्रों के मुताबिक, इसके अलावा हिरेन की पत्नी द्वारा लगाए गए आरोपों के बारे में वाजे को संतोषप्रद जानकारी नहीं दिया करता था. इसलिए वे कार्रवाई की चपेट में आ गया.
सचिन वाजे को एनआईए ने गिरफ्तार किया क्राइम ब्रांच, एटीएस के अधिकारियों से भी पूछताछ
मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास मिली विस्फोटकों से मिली गाड़ी, धमकी भरे पत्र और मनसुख हिरेन की मौत के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) सचिन वाझे को गिरफ्तार कर लिया.
एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि तकरीबन 12 घंटे की पूछताछ के बाद रात 11.50 बजे वाझे को एनआईए अधिकारियों ने केस नं. आरसी/12021/एनआईए/एमयूएम के तहत गिरफ्तार किया. एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर जाने जाने वाले वाझे से आज सुबह 11 बजे से पेडर रोड स्थित एनआईए के दफ्तर में लगातार पूछताछ जारी थी. उससे मिली जानकारी के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया. एनआईए के अधिकारियों ने दोपहर 4 बजे क्राइम ब्रांच के एसीपी नितिन अलकनुरे को पूछताछ के लिए बुलाया था.
उसके घंटेभर बाद एटीएस एसीपी श्रीपाद काले भी वहां पहुंचे. उनसे पहले अलग-अलग और बाद में आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई. घंटों पूछताछ के बाद रात 9 बजे अलकनुरे और काले वापस चले गए. इसके बाद भी वाझे से पूछताछ जारी रही.
अर्णब की गिरफ्तारी के लिए इसी स्कॉर्पियो का इस्तेमाल सूत्रों ने बताया कि वाजे से हुई पूछताछ में यह भी पता चला कि हिरेन की स्कॉर्पियो का इस्तेमाल 4 नवंबर को रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी में भी इस्तेमाल किया गया था. हालांकि, उस वक्त उस पर दूसरी नंबर प्लेट लगी हुई थी. 25 फरवरी को अंबानी के घर के पास यही स्कॉर्पियो मिली थी. स्कॉर्पियो के मालिक होने का दावा करनेवाले हिरेन मनसुख ठाणे की खाड़ी में लाश मिली थी.