डॉ. मनमोहन सिंह के करतारपुर साहिब जाने को लेकर असंमजस, कभी हाँ कभी ना..

By शीलेष शर्मा | Published: October 4, 2019 06:17 AM2019-10-04T06:17:00+5:302019-10-04T06:17:00+5:30

हाँ और ना के इस खेल के पीछे पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद कुरैशी की वह टिप्पणी है जिसमें उन्होंने कुछ दिन पूर्व कहा था कि करतारपुर साहिब में शिरकत करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उनकी सरकार आमंत्रित कर रही है. जबकि पाकिस्तान द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण देने की बात नहीं कही गयी.

Manmohan Singh will go to Kartarpur Sahib, Still not decided | डॉ. मनमोहन सिंह के करतारपुर साहिब जाने को लेकर असंमजस, कभी हाँ कभी ना..

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह। (फाइल फोटो)

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की करतारपुर साहिब यात्रा को लेकर असंमजस बना हुआ है. हालांकि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेद्र सिंह और डॉ मनमोहन सिंह के बीच हुई मुलाकात के बाद पंजाब सरकार ने इस बात की औपचारिक घोषणा कर दी कि डॉ मनमोहन सिंह गुरुनानक देव के 550वी जयंती (प्रकाश पर्व) करतापुर साहिब जाने वाले पहले भारतीय जत्थे का हिस्सा होगें साथ ही वे सुल्तानपुर लोधी में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में भी शिरकत करेंगे.
लेकिन कुछ ही देरी के बाद अपनी ही सरकार की घोषणा को दरकिनार करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने साफ किया कि उनका और डॉ मनमोहन सिंह का पाकिस्तान जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता है.

हाँ और ना के इस खेल के पीछे पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद कुरैशी की वह टिप्पणी है जिसमें उन्होंने कुछ दिन पूर्व कहा था कि करतारपुर साहिब में शिरकत करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उनकी सरकार आमंत्रित कर रही है. जबकि पाकिस्तान द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण देने की बात नहीं कही गयी.

पाकिस्तान के न्यौते पर करतापुर साहिब जाने के बावत डॉ मनमोहन सिंह की ओर से स्पष्ट इंकार कर दिया गया लेकिन जब अमरेंदर सिंह ने उन्हें भारतीय जत्थे में शामिल होने का निमंत्रण दिया तो मनमोहन सिंह मान गये.
उच्च पदस्थ सूत्रों केअनुसार डॉ मनमोहन सिंह ने इस बावत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से विस्तृत चर्चा की और चर्चा के बाद ही कोई फैसला लिया.

लेकिन जैसे ही पंजाब सरकार की ओर से बयान जारी किया गया मनमोहन सिंह और सोनिया के बीच उस बयान को लेकर ना केवल चर्चा हुई बल्कि अमरेंदर सिंह को हिदायत दी गयी कि वे अपनी ही सरकार के बयान का खंडन करे जिसके बाद  अमरेंद्र ने मनमोहन सिंह की करतापुर साहिब यात्रा को सिरे से खारिज़ कर दिया.

पार्टी सूत्र बताते है कि कि महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव को देखते  हुए सोनिया गांधी ने यह निर्णय किया क्योंकि उन्हें पता है कि मनमोहन सिंह की करतापुर साहिब यात्रा को लेकर भाजपा कांग्रेस पर पाकिस्तान परस्त होने का आरोप लगाएगी जिससे चुनाव वाले राज्यों में कांग्रेस को नुकसान हो सकता है.

चूंकि गुरुनानक देव का प्रकाश पर्व 11-12 नवंबर को है तथा कॉरीडोर की शुरुआत 9 नवंबर हो होगी तब तक महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव पूरे हो चुके होगे तब उस समय कांग्रेस नई परिस्थितियों केअनुसार कोई फैसला ले सकती है. 
 

Web Title: Manmohan Singh will go to Kartarpur Sahib, Still not decided

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