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जीतन राम मांझी ने बेरोजगार युवाओं को 5 हजार माह भत्ता देने की मांग उठाई, नीतीश सरकार की बढ़ी परेशानी

By एस पी सिन्हा | Updated: May 14, 2021 20:34 IST

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बेरोजगार युवक-युवतियों को हर माह पांच हजार रूपये महंगाई भत्ता देने का मांग किया है।

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ठळक मुद्देकोरोना काल में जीतन राम मांझी ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी।सरकारी स्तर पर होने वाले निर्माण में ही विभाग को हर साल करोड़ों जमा होते हैं। विभाग के पास अब भी 1500 करोड से अधिक जमा है।

हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा(हम) के प्रमुख व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में आर्थिक परेशानी से जूझ रहे बेरोजगार युवक और युवतियों को हर माह पांच हजार रुपए बेरोजगारी भत्‍ता दिए जाने की मांग की है। उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार का ध्‍यान आकृष्‍ट करते हुए कहा है कि बिहार के युवा वित्‍तीय संकट से जूझ रहे हैं। 

मांझी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि वित्तीय संकट से जूझ रहे हमारे बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए ’हम’ ने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि हमारी सरकार बनी तो उन्हें 5000 रुपये बेरोज़गारी भत्ता दिया जाएगा। मैं माननीय नीतीश कुमार जी से अनुरोध करता हूं कि सूबे के बेरोजगार युवक/युवतियों को 5000 रुपये बेरोजगारी भत्ता दें। मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी टैग करते हुए ट्वीट किया है। 

यहां बता दें कि इससे पहले मंगलवार को जीतन राम मांझी ने केंद्र सरकार पर बिहार के साथ भेदभाव का आरोप लगाया था। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, 'कई योजनाओं में केन्द्र के हिस्से का पैसा बिहार को नहीं मिल रहा, जिससे सूबे का विकास प्रभावित हो रहा है। मैं धन्यवाद देता हूं नीतीश कुमार को कि बिना केन्द्रीय मदद के आपने आपदा की इस घडी में शिक्षकों का वेतन दिया। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के लिए डॉक्टरों की नियुक्ति कर रहें हैं।'

उधर, कोरोना के दौरान बिहार लौटे प्रवासी व स्थानीय कामगारों को विशेष अनुदान का लाभ दिलाने की प्रक्रिया तेज हो गई हैं। राज्य सरकार के निर्देश पर कोरेनटाइन सेंटर और सामुदायिक रसोई में रहने एवं खाने वालो का निबंधन होगा। इस संबंध में विभाग ने अधिकारियों को प्रखंड स्तर पर ऑफलाइन निबंधन करने का निर्देश दिया है, पिछले साल प्रवासी मजदूरों का निबंधन ऑनलाइन किया गया था, लेकिन इस बार यह ऑफलाइन किया जा रहा है, ताकि बाहर से आने वाले हर मजदूर की स्क्रीनिंग भी हो सकें। 

यहीं काम दिलाने के लिए गांव-गांव स्तर पर विशेष अभियान चलाया जायेगा। ताकि सही श्रमिकों को राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ आराम से मिल सकें। विभाग की ओर से श्रमिकों के लिये लगभग 22 से अधिक योजनाएं हैं, जिसकी जानकारी लोगों को नहीं है और वह योजनाओं का लाभ उठाने से वंचित रह जाते हैं, लेकिन कोरोना और लॉकडाउन के दौरान ज्यादा से ज्यादा मजदूरों का निबंधन करने का लक्ष्य रखा गया है।

बताया जा रहा है कि निबंधित कामगारों को सरकार कपडा और चिकित्सा मद में 5500 रुपये सालाना सहायता देती है। बच्चों को शिक्षा के लिए सहायता, शादी व्याह में भी मदद देती है। विभाग कामगारों को औजार खरीदने के लिए भी पैसे देती है। विभाग के पास श्रम अधिभार यानी लेबर सेस होता है। सरकारी और गैर सरकारी निर्माण पर एक फीसदी का सेस तय है।

टॅग्स :जीतन राम मांझीनीतीश कुमारबिहार समाचार
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