सुखपाल खैरा के 'आप' से इस्तीफे पर मनीष सिसोदिया ने कहा- 'अपने हितों और पदों के लिए कहीं भी जा सकते हैं'
By धीरज पाल | Updated: January 6, 2019 15:31 IST2019-01-06T15:31:34+5:302019-01-06T15:31:34+5:30
आम आदमी पार्टी को इस साल लगने वाला यह दूसरा बड़ा झटका है। वरिष्ठ अधिवक्ता और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एच एस फुल्का ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।

सुखपाल खैरा के 'आप' से इस्तीफे पर मनीष सिसोदिया ने कहा- 'अपने हितों और पदों के लिए कहीं भी जा सकते हैं'
पंजाब के विधायक सुखपाल खैरा के आम आदमी पार्टी से इस्तीफा के बाद 'आप' के मंत्री मनीष सिसोदिया ने उन्हें नसीहत दी है। उन्होंने सुखपाल खैरा के प्राथमिक सदस्यता के इस्तीफे पर कहा कि अपने हितों और पद के लिए काम करना चाहते हैं तो वो कहीं भी जा सकते हैं। इससे हमें कोई परेशानी नहीं होगी।
बता दें कि रविवार को पंजाब के 'आप' विधायक सुखपाल खैरा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा दिया है। इससे पहले वरिष्ठ अधिवक्ता और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एच एस फुल्का ने गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
Manish Sisodia on Punjab MLA Sukhpal Khaira resigns from the primary membership of AAP: If he wants to work for the nation, he should stay with us, if he wants to work for his own interests and post then he can go anywhere, how does it concern us? pic.twitter.com/9FZ3jaz0ek
— ANI (@ANI) January 6, 2019
वहीं, मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगर वह राष्ट्र के लिए काम करना चाहते हैं, तो उन्हें हमारे साथ रहना चाहिए, अगर वह अपने हितों और पद के लिए काम करना चाहते हैं तो वे कहीं भी जा सकते हैं।
पंजाब के विधायक सुखपाल खैहरा ने आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सीएम केजरीवाल के पार्टी पर आरोप लगाया है कि पार्टी अपने विचारधार और सिद्धांतो से भटक गई है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा कि 'पार्टी उस विचारधारा और सिद्धांतों से पूरी तरह से भटक गई है, जिस विचारधारा और सिद्धांतों पर अन्ना हजारे आंदोलन के बाद इस पार्टी का गठन हुआ था।
आम आदमी पार्टी को इस साल लगने वाला यह दूसरा बड़ा झटका है। वरिष्ठ अधिवक्ता और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एच एस फुल्का ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। एच एस फुल्का ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी है।