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वीडियोः हिंसा के बाद मणिपुर के इंफाल में पेट्रोल पंप के सामने दिखी लंबी लाइन, तेल भराने के लिए घंटों कतार में खड़े रहे लोग

By अनिल शर्मा | Updated: May 6, 2023 11:24 IST

मणिपुर में बहुसंख्यक मैतई समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से बुधवार को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी।

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ठळक मुद्देराज्य में हिंसा को देखते हुए मणिपुर जाने वाली ट्रेनें शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गईं।इंटरनेट सेवा पहले से ही बंद की जा चुकी है, कई जिलों में कर्फ्यू जारी है।  

इम्फालः मणिपुर में 3 मई को शुरू हुई हिंसा के बाद स्थिति थोड़ी बहुत नियंत्रण में है लेकिन राज्य पूरी तरह से तनावमुक्त नहीं हुआ है। हिंसा के कारण व्यापार से लेकर यातायात तक की परेशानियों से लोग जूझ रहे हैं। वहीं हिंसा प्रभावित इलाकों को लोग छोड़कर या तो अस्थाई शिविर में शरण ले चुके हैं या तो पड़ोसी राज्यों में जा चुके हैं।

इंफाल घाटी में बड़े पैमाने पर सुरक्षाबलों की मौजूदगी के बीच शुक्रवार को हिंसा की छिटपुट घटनाओं के साथ स्थिति आम तौर पर शांत रही। हिंसा के बाद मणिपुर की राजधानी इंफाल में पेट्रोल पंप के सामने लंबी लाइन दिखी। पेट्रोल व डीजल के लिए लोग दोपहिया और चारपहिया वाहनों के साथ घंटों कतार में खड़े रहे। समाचार एजेंसी एएनआई ने इसका एक वीडियो जारी किया है। 

 राज्य में पिछले 48 घंटों के दौरान हुई हिंसा पर काबू पाने एवं शांति कायम करने के लिए पड़ोसी राज्यों से सड़क और हवाई मार्ग से अधिक बल भेजे गए हैं। एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि कुल 13,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वहीं केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने शुक्रवार को मणिपुर राज्य के अपने कर्मियों तथा छुट्टी पर अपने गृह राज्य गए कर्मियों को निर्देश दिया कि वे ‘तत्काल’ परिवार सहित नजदीकी सुरक्षा अड्डे पर रिपोर्ट करें।

एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि मणिपुर में सेना और असम राइफल्स के करीब 10,000 जवान तैनात किए गए हैं। इस बीच आधिकारिक सूत्रों ने नयी दिल्ली में बताया कि इस बीच पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) स्तर के कम से कम पांच अधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्तर व पुलिस अधीक्षक स्तर के सीआरपीएफ के सात अधिकारियों को हिंसा प्रभावित मणिपुर में विभिन्न सुरक्षा बलों की तैनाती के बीच समन्वय का जिम्मा सौंपा गया है।

राज्य में हिंसा को देखते हुए मणिपुर जाने वाली ट्रेनें शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गईं। इंटरनेट सेवा पहले से ही बंद की जा चुकी है। कई जिलों में कर्फ्यू जारी है। चुराचांदपुर और अन्य संवेदनशील इलाकों में सेना लगातार फ्लैग मार्च कर रही है।

गौरतलब है कि मणिपुर में बहुसंख्यक मैतई समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से बुधवार को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी।

नगा और कुकी सहित अन्य आदिवासी समुदायों की ओर से इस मार्च का आयोजन मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा पिछले महीने राज्य सरकार को मैतई समुदाय की एसटी दर्जे की मांग पर चार सप्ताह के भीतर केंद्र को एक सिफारिश भेजने का निर्देश देने के बाद किया गया था।

टॅग्स :मणिपुरArmy
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