मणिपुर में छिटपुट हिंसा; 13,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया, 1,100 से अधिक लोग पहुंचे असम
By अनिल शर्मा | Published: May 6, 2023 02:45 PM2023-05-06T14:45:04+5:302023-05-06T14:51:35+5:30
इस बीच केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू का बयान आया है कि मणिपुर में जो भी हिंसा भड़की है वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और भारत सरकार आवश्यक कार्रवाई और संभावित कदम उठा रही है।
इंफालः मणिपुर की इंफाल घाटी में बड़े पैमाने पर सुरक्षाबलों की मौजूदगी के बीच शुक्रवार को हिंसा की छिटपुट घटनाओं के साथ स्थिति आम तौर पर शांत रही। राज्य में पिछले 48 घंटों के दौरान हुई हिंसा पर काबू पाने एवं शांति कायम करने के लिए पड़ोसी राज्यों से सड़क और हवाई मार्ग से अधिक बल भेजे गए हैं।
एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि कुल 13,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इंफाल और अन्य हिंसा प्रभावित इलाकों में सेना फ्लैग मार्च कर रही है। इस बीच केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू का बयान आया है कि मणिपुर में जो भी हिंसा भड़की है वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और भारत सरकार आवश्यक कार्रवाई और संभावित कदम उठा रही है।
#WATCH | #ManipurViolence | More than 1000 people from Manipur have entered Cachar district of Assam following the situation in Manipur. They have taken shelter in various parts of the district.
— ANI (@ANI) May 5, 2023
Cachar District Administration has made all arrangements for them and is providing… pic.twitter.com/HcIKhbIoBY
गौरतलब है कि शुक्रवार रात भाजपा विधायक वुंगजागिन वाल्टे पर प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया जिसमें वह घायल हो गए। इलाज के लिए उन्हें राज्य से बाहर एयरलिफ्ट किया गया है। उनकी हालत स्थिर है। डीजीपी पी डोंगल ने कहा कि हमें सख्त आदेश मिला है कि अगर कोई गलती करता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। सेना को फ्लैग मार्च के आदेश मिले हैं।
उधर, मणिपुर के जिरीबाम जिले और आसपास के इलाकों से 1,100 से अधिक लोगों ने अंतरराज्यीय सीमा पार कर असम के कछार जिले में प्रवेश किया। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि अधिकांश प्रवासी कुकी समुदाय से हैं और उन्हें आशंका है कि मणिपुर में उनके घरों को उन समूहों द्वारा नष्ट कर दिया गया होगा, जिन्होंने गुरुवार की रात उन पर हमला किया था, जिसके कारण वे सुरक्षा पाने के लिए वहां से भागकर कछार आ गए थे।
रक्षा प्रवक्ता के मुताबिक, कुछ लोगों को सेना के शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है जबकि सेना ने चुराचांदपुर, मोरेह, काकचिंग और कांगपोकपी जिलों को अपने नियंत्रण में ले लिया है। घाटी के आसपास के विभिन्न पहाड़ी जिलों से सुबह के समय उग्रवादी समूहों और सुरक्षा बलों के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी की खबरें भी आती रहीं, लेकिन शांति की स्थिति बनी हुई है।
रक्षा अधिकारी ने शुक्रवार रात कहा कि “पिछले 12 घंटे में, इंफाल पूर्वी और पश्चिमी जिलों में आगजनी की छिटपुट घटनाएं और असामाजिक तत्वों द्वारा नाकेबंदी के प्रयास हुए। हालांकि, स्थिति को समन्वित प्रतिक्रिया के माध्यम से नियंत्रित कर लिया गया।”कई सूत्रों ने कहा कि समुदायों के बीच हुई झड़पों में कई लोग मारे गए हैं और लगभग सौ लोग घायल हो गए। हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
अस्पताल के सूत्रों ने शुक्रवार रात बताया कि झड़पों के शिकार बताए गए कुल 36 लोगों के शव इंफाल पश्चिम जिले के क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के मुर्दाघर में लाए गए हैं। सूत्रों के अनुसार ये शव इंफाल पूर्व और पश्चिम, चुराचांदपुर और बिशेनपुर समेत विभिन्न जिलों से लाए गए। सूत्रों ने बताया कि गोली लगने से घायल हुए कई लोगों का रिम्स और जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान में किया जा रहा है।
भाषा इनपुट के साथ