मणिपुर हिंसा: एनसीपीसीआर ने यौन हिंसा के नाबालिग आरोपी की पहचान उजागर करने के आरोप में सुभाषिनी अली सहित तीन के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 25, 2023 12:39 PM2023-07-25T12:39:27+5:302023-07-25T12:44:43+5:30

एनसीपीसीआर ने मणिपुर के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर कथित यौन हिंसा के नाबालिग आरोपी की पहचान सार्वजनिक किये जाने को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है।

Manipur Violence: NCPCR strict on revealing identity of minor accused of sexual violence, demands registration of case against three including Subhashini Ali | मणिपुर हिंसा: एनसीपीसीआर ने यौन हिंसा के नाबालिग आरोपी की पहचान उजागर करने के आरोप में सुभाषिनी अली सहित तीन के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की

मणिपुर हिंसा: एनसीपीसीआर ने यौन हिंसा के नाबालिग आरोपी की पहचान उजागर करने के आरोप में सुभाषिनी अली सहित तीन के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की

Highlightsएनसीपीसीआर ने नाबालिग आरोपी की पहचान उजागर होने पर मणिपुर के डीजीपी को लिखा पत्र एनसीपीसीआर ने सीपीएम नेता सुभाषिनी अली सहित तीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा सुभाषिनी अली सहित तीन ने मणिपुर यौन हिंसा के नाबालिग आरोपी की पहचान उजागर की थी

नयी दिल्ली: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने मणिपुर के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर कथित यौन हिंसा के नाबालिग आरोपी की पहचान सार्वजनिक किये जाने को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है और मांग की है कि नाबालिक की पहचान का खुलासा करने और उसे मणिपुर यौन हिंसा में अपराधी के रूप में पेश करने के लिए सीपीएम नेता सुभाषिनी अली सहित तीन लोगों के खिलाफ फौरन एफआईआर दर्ज की जाए।

एनसीपीसीआर ने बीते सोमवार को डीजीपी को लिखे पत्र में कहा कि सीपीएम नेता सुभाषिनी अली ने रविवार को खाकी पतलून और काली टोपी पहने दो युवाओं की तस्वीर यह कहते हुए पोस्ट की कि वे मणिपुर में बीते 4 मई को हुई शर्मनाक वारदात के आरोपी थे। इतना ही नहीं सुभाषिनी अली ने ट्वीट में आगे लिखा, "उन्हें उनके कपड़ों से पहचानें"। हालांकि कुछ ही समय के बाद सुभाषिनी अली ने एन अन्य ट्वीट करते हुए कहा कि उन्हें झूठा ट्वीट करने के लिए खेद है और इसके लिए वह माफी मांगती हैं, हालांकि उन्होंने खेद जताने के बावजूद वो ट्वीट डिलीट नहीं किया।

एनसीपीसीआर ने सुभाषिनी अली के ट्वीट का हवाला देते हुए कहा कि वह नाबालिग आरोपी की पहचान उजागर करने को लेकर बेहद चिंतित है और इस मामले में डीजीपी से तत्काल मामले की गहन जांच कराने और आरोपी के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज करने की मांग करता है। इसके अलावा एनसीपीसीआर ने डीजीपी को पत्र प्राप्त होने की तारीख से तीन दिनों के भीतर आयोग को दर्ज की गई एफआईआर की एक प्रति के साथ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने का भी आदेश दिया है।

एनसीपीसीआर ने कहा कि विषय की संवेदनशीलता को देखते हुए यौन हिंसा के आरोप में शामिल नाबालिग लड़के के अधिकारों और गोपनीयता की रक्षा करना बेहद आवश्यक है। पत्र में कहा गया है, "आयोग को मेघालय के तरूण भारतीय, सीपीएम नेता सुभाषिनी अली और तमिलनाडु के कमालुदीन मस्कथाकुदीन उर्फ ​​कमालुद्दीन एम के खिलाफ शिकायत मिली है कि उन्होंने यौन हिंसा के 14 साल की आरोपी नाबालिग की पहचान को सार्वजनिक किया है।"

पत्र में आगे कहा गया, "आयोग को यह सूचित किया गया है कि तीनों आरोपियों ने सोशल प्लेटफॉर्म पर सार्वजनिक किया कि नाबालिग मणिपुर की भयावह घटना में शामिल था और उसे घटना के संबंध में वायरल हुए हालिया वीडियो में भी देखा जा सकता है। इसके साथ ही आयोग को इस बात की जानकारी भी मिली है कि नाबालिग की तस्वीरों के सोशल प्लेटफॉर्म पर प्रसारित करने से उसे मानसिक आघात पहुंचा है और वह सदमे की स्थिति में है।"

मणिपुर डीजीपी को लिखे पत्र में एनसीपीसीआर ने कहा कि उपरोक्त विषय में संबंधित अपराधियों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज करके मामले की तत्काल जांच करें और एफआईआर की एक प्रति के साथ कार्रवाई रिपोर्ट इस पत्र की प्राप्ति के तीन दिनों के भीतर आयोग को वापस सौंपें।"

Web Title: Manipur Violence: NCPCR strict on revealing identity of minor accused of sexual violence, demands registration of case against three including Subhashini Ali

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