म्यांमार में की गई सर्जिकल स्ट्राइक का नेतृत्व करने वाले सेवानिवृत्त कर्नल को मणिपुर सरकार ने सौंपी अहम जिम्मेदारी, वरिष्ठ एसएसपी नियुक्त किया

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: September 3, 2023 01:56 PM2023-09-03T13:56:47+5:302023-09-03T13:58:15+5:30

राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र कर्नल संजेबम दो दशकों तक सेवा करने के बाद पिछले साल समय से पहले सेवानिवृत्त हो गए थे। उनका अधिकांश कार्यकाल मणिपुर में उग्रवाद से लड़ने के लिए समर्पित रहा था।

Manipur government assigns important responsibility to retired colonel who led surgical strike in Myanmar | म्यांमार में की गई सर्जिकल स्ट्राइक का नेतृत्व करने वाले सेवानिवृत्त कर्नल को मणिपुर सरकार ने सौंपी अहम जिम्मेदारी, वरिष्ठ एसएसपी नियुक्त किया

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsमणिपुर सरकार ने सेवानिवृत्त कर्नल को सौंपी अहम जिम्मेदारीसेवानिवृत्त कर्नल नेक्टर संजेबम को वरिष्ठ एसएसपी नियुक्त कियाम्यांमार में की गई सर्जिकल स्ट्राइक का कर्नल नेक्टर संजेबम ने नेतृत्व किया था

इंफाल: मणिपुर सरकार ने 2015 में म्यांमार सीमा पर भारत की सर्जिकल स्ट्राइक का नेतृत्व करने के लिए जाने जाने वाले 21 पैरा (विशेष बलों) के एक उच्च सम्मानित अधिकारी सेवानिवृत्त कर्नल नेक्टर संजेबम को संघर्षग्रस्त राज्य के वरिष्ठ एसएसपी (विशेष लडाकू अभियान) के रूप में नियुक्त किया है। सरकार द्वारा यह पद खास तौर पर निर्मित किया गया है।

राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र कर्नल संजेबम दो दशकों तक सेवा करने के बाद पिछले साल समय से पहले सेवानिवृत्त हो गए थे। उनका अधिकांश कार्यकाल मणिपुर में उग्रवाद से लड़ने के लिए समर्पित रहा था। म्यांमार सीमा के पास मणिपुर के चंदेल जिले में एक बड़े हमले के बाद विद्रोही शिविरों पर सीमा पार कर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का नेतृत्व कर्नल संजेबम ने ही किया था। उनके नेतृत्व के लिए उन्हें 2015 में भारत के दूसरे सबसे बड़े शांतिकालीन वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था।

इससे पहले कैप्टन के तौर पर उन्हें 2005 में शौर्य चक्र वीरता पुरस्कार मिला था। उनकी असाधारण सैन्य पृष्ठभूमि और अनुभव को देखते हुए ही अब मणिपुर सरकार ने राज्य की स्थिति को पहले की दशा में वापस लाने के प्रयासों के तहत अहम जिम्मेदारी दी है। हालांकि अब तक ये तय नहीं है कि उनकी भूमिका क्या होगी लेकिन माना जा रहा है कि वह मणिपुर पुलिस कमांडो के पर्यवेक्षण और परिचालन आचरण की देखरेख कर सकते हैं।

बता दें कि मणिपुर में हुई जातीय हिंसा को नियंत्रित करने के तमाम प्रयासों के बावजूद भी घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश नहीं लग रहा है। राज्य में रह-रह कर हिंसा भड़क उठती है जिसके कारण इलाके में तनाव फैल जाता है और चारों तरफ बस तबाही ही तबाही नजर आती है। बीते एक सितंबर को भी हुई गोली बारी में 3 लोगों की जान चली गई।

चुराचंदपुर और बिष्णुपुर जिलों की स्थिति सबसे गंभीर है। इन जिलों में दूसरे समुदाय के सारे लोग पलायन कर गए हैं। हालात ऐसे हैं कि मैतेई बहुल इलाकों में कोई भी कुकी नहीं है और कुकी बहुल इलाकों में कोई भी मैतेई नहीं बचा। मणिपुर के हालात पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। 

Web Title: Manipur government assigns important responsibility to retired colonel who led surgical strike in Myanmar

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