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मणिपुर: एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के चार सदस्यों के खिलाफ दर्ज हुई F.I.R, सीएम बीरेन सिंह ने स्थिति और बिगाड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: September 4, 2023 17:51 IST

एडिटर्स गिल्ड ने हाल में दावा किया था कि मणिपुर में जातीय हिंसा पर मीडिया में आयी खबरें एकतरफा हैं। जिन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है उनमें एडिटर्स गिल्ड की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा और तीन सदस्य - सीमा गुहा, भारत भूषण तथा संजय कपूर शामिल हैं।

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ठळक मुद्देमणिपुर में ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ चार सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्जएडिटर्स गिल्ड की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा पर भी एफआईआरजातीय संघर्ष का दंश झेल रहे राज्य में स्थिति और बिगाड़ने की कोशिश करने का आरोप

इंफाल: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार ने ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ के अध्यक्ष तथा तीन सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। सिंह ने उन पर करीब चार महीने से अधिक समय से जातीय संघर्ष का दंश झेल रहे राज्य में स्थिति और बिगाड़ने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया।

एडिटर्स गिल्ड ने हाल में दावा किया था कि मणिपुर में जातीय हिंसा पर मीडिया में आयी खबरें एकतरफा हैं। इसके साथ ही उसने राज्य नेतृत्व पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया था। सीएम बीरेन सिंह ने कहा, "राज्य सरकार ने एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की है, जो मणिपुर राज्य में स्थिति को और बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।"

जिन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है उनमें एडिटर्स गिल्ड की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा और तीन सदस्य - सीमा गुहा, भारत भूषण तथा संजय कपूर शामिल हैं। गुहा, भूषण और कपूर ने जातीय हिंसा पर मीडिया रिपोर्ताज का अध्ययन करने के लिए पिछले महीने राज्य का दौरा किया था। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले ‘सभी समुदायों’ के प्रतिनिधियों से मिलना चाहिए था, न कि ‘केवल कुछ वर्गों से’। 

बता दें कि राज्य में तमाम प्रयासों के बाद भी हिंसा की घटनाओं में कमी नहीं आ रही है। अब मणिपुर सरकार ने 2015 में म्यांमार सीमा पर भारत की सर्जिकल स्ट्राइक का नेतृत्व करने के लिए जाने जाने वाले 21 पैरा (विशेष बलों) के एक उच्च सम्मानित अधिकारी सेवानिवृत्त कर्नल नेक्टर संजेबम को संघर्षग्रस्त राज्य के वरिष्ठ एसएसपी (विशेष लडाकू अभियान) के रूप में नियुक्त किया है। 

मणिपुर के हालात को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। बीते दिनों उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और मणिपुर सरकार को हिंसाग्रस्त राज्य के कुछ क्षेत्रों में आर्थिक नाकेबंदी का सामना कर रहे लोगों को भोजन और दवाओं जैसी बुनियादी वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए शुक्रवार को निर्देश दिया।  अदालत ने कहा कि स्थिति को सुधारने के लिए उठाए गए कदमों से उसे अवगत कराया जाए।

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य की आबादी में मेइती समुदाय की हिस्सेदारी लगभग 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और उनमें से ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं। 

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