मणिपुर फर्जी मुठभेड मामले पर SC ने लगाई CBI को फटकार, कहा- जांच तेजी से करे पूरी

By भाषा | Published: July 30, 2018 11:43 PM2018-07-30T23:43:00+5:302018-07-30T23:43:00+5:30

न्यायालय मणिपुर में कथित रूप से न्यायेतर हत्याओं के 1528 से अधिक मामलों की जांच के लिये दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है।

Manipur fake encounter cases: Supreme Court pulls up CBI chief | मणिपुर फर्जी मुठभेड मामले पर SC ने लगाई CBI को फटकार, कहा- जांच तेजी से करे पूरी

मणिपुर फर्जी मुठभेड मामले पर SC ने लगाई CBI को फटकार, कहा- जांच तेजी से करे पूरी

नई दिल्ली, 30 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि मणिपुर में सेना, असम राइफल्स और राज्य पुलिस द्वारा कथित फर्जी मुठभेड़ किये का मामला लोगों के ‘जीवन और मरण’ के मुद्दे से संबंधित है। शीर्ष अदालत ने सीबीआई की एसआईटी से इन मामलों की जांच तेजी से पूरी करने को कहा। नयायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की पीठ को सीबीआई निदेशक आलोक कुमार वर्मा ने बताया कि मणिपुर कथित फर्जी मुठभेड़ मामलों के संबंध में सक्षम अदालत के समक्ष आज दो आरोप पत्र दाखिल किये गए और 31 अगस्त तक पांच अन्य मामलों में भी अंतिम रिपोर्ट दायर कर दी जायेगी। वर्मा न्यायालय के निर्देशानुसार शीर्ष अदालत के समक्ष पेश हुए थे। 

वर्मा ने कहा कि कथित रूप से हत्या, आपराधिक साजिश और साक्ष्य नष्ट करने के लिये आरोप पत्र में 14 व्यक्तियों को नामजद किया गया है। शीर्ष अदालत ने मणिपुर में कथित न्यायेतर हत्याओं और फर्जी मुठभेड़ के मामलों की जांच पर नाराजगी व्यक्त करते हुये सीबीआई निदेशक वर्मा को तलब किया था। आज की सुनवाई के दौरान वर्मा ने पीठ से कहा कि 20 अन्य मुठभेड़ के मामलों की जांच दिसंबर के अंत तक पूरी हो जायेगी। इसके बाद एसआईटी 14 और मामलों की जांच शुरू करेगी। 

याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंजाल्विस ने न्यायालय से कहा कि हत्या के गंभीर अपराध के लिये दो मामलों में 14 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है, लेकिन किसी की भी अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस पर पीठ ने सीबीआई निदेशक से पूछा, ‘‘क्या जांच के दौरान आपने किसी को भी गिरफ्तार किया है। जब वर्मा ने कहा ‘‘नहीं’’ तो पीठ ने पलटकर कहा, ‘‘क्यों। इसके क्या कारण हैं। इसका मतलब है कि आपके अनुसार हत्यारे खुले घूम रहे हैं।’’ 

वर्मा ने पीठ से कहा कि मुख्य रूप से कोई भी गिरफ्तारी इस वजह से नहीं की गई है कि आरोपियों से कुछ भी बरामद नहीं किया जाना था।वर्मा ने कहा, ‘‘कोई बयान नहीं है। ये मामले 1984 के समय के हैं। सभी आरोपियों के खिलाफ परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर आरोप पत्र दायर किया गया है।’’ इसके बाद न्यायालय ने हत्या, आपराधिक साजिश और साक्ष्य नष्ट करने के आरोप में आरोप पत्र में नामित व्यक्तियों को गिरफ्तार करने या नहीं करने का निर्णय जांच ब्यूरो के निदेशक और एसआईटी के प्रभारी के विवेक पर छोड़ दिया।

इस मामले में न्यायालय अब 20 अगस्त को आगे सुनवाई करेगा।न्यायालय मणिपुर में कथित रूप से न्यायेतर हत्याओं के 1528 से अधिक मामलों की जांच के लिये दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है। न्यायालय ने इस मामले में पिछले साल 14 जुलाई को विशेष जांच दल का गठन किया था और उसे प्राथमिकी दर्ज करके उनकी जांच का आदेश दिया था।

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों के लिए यहाँ क्लिक करे. यूट्यूब चैनल यहाँ सब्सक्राइब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट

Web Title: Manipur fake encounter cases: Supreme Court pulls up CBI chief

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे

टॅग्स :Manipurमणिपुर